श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’
( श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’ जी एक आदर्श शिक्षिका के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे गीत, नवगीत, कहानी, कविता, बालगीत, बाल कहानियाँ, हायकू, हास्य-व्यंग्य, बुन्देली गीत कविता, लोक गीत आदि की सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न पुरस्कारों / सम्मानों से पुरस्कृत एवं अलंकृत हैं तथा आपकी रचनाएँ आकाशवाणी जबलपुर से प्रसारित होती रहती हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक अतिसुन्दर और शिक्षाप्रद लघुकथा गले का हार। कुछ बातें हम अनुभव से ही सीख पाते हैं। हम अभी भी बच्चों की छोटी छोटी समस्याओं के लिए नानी के नुस्खे ही आजमाते हैं। श्रीमती कृष्णा जी ने इस तथ्य को बड़ी ही सहजता से समझने का सफल प्रयास किया है। इस अतिसुन्दर रचना के लिए श्रीमती कृष्णा जी बधाई की पात्र हैं।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कृष्णा साहित्य # 21 ☆
☆ लघुकथा – गले का हार ☆
मत दिखाओ मोबाइल पूरे समय आँखे दुखने लगेगी और दिमाग पर भी असर होगा……आभा ने अरु को मोबाइल में कार्टून फिल्में न दिखाने के लिये बेटी से कहा..पर बेटी ने उसे ही सुना दिया ..माँ फिर अरु नयी नयी बातें कैसे सीखेगा? विज्ञान, ज्ञान और जनरल बातें कैसे सीखेगा ..आभा ने उसे किसी भी काम को करके सीखने का सुझाव दिया पर बेटी ने बात अनसुनी कर दी. जब भी अरु कुछ ऊधम मचाता बेटी उसे मोबाइल पकड़ा देती. ठंड के दिन थे उन्हीं दिनो की बात है. एक रात बड़ी देर तक वह कार्टून देखते देखते सो गया तीन बजे रात को अरु बहुत जोर-जोर से रोने लगा. बेटी दामाद उसे चुप कराने लगे पर वह चुप न हुआ.
उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि उसे क्या तकलीफ है? वे बड़े परेशान हो गये. आभा ने अरु को उठाया और उसके दोनों कानों को अपने दोनों हाथ से कस कर दबा दिया. अरु को अच्छा लगा और वह आभा की गोद मे बैठ गया और हाथ न हटाने दिया.
सब समझ गये उसके कान में तकलीफ है. आभा ने गरम कपड़े से उसके दोनों कान को दबाये रखा. उतनी ही रात को डाक्टर को फोन किया और स्थिति बताई डाक्टर ने बीस से पच्चीस मिनट तक कानों को दबाये रखने और सुबह क्लीनिक लाने की सलाह दी. अरु आभा की ही गोद मे कुछ देर में आराम लगने पर सो गया. डाक्टर ने ठंड लगना और अधिक नींद आने पर बगैर गरम कपड़े ओढे सोने पर यह हुआ. उस दिन से आभा उसके साथ अधिक समय बिताने लगी. वही अब उसक गले का हार बन गया था. उस दिन के बाद से अरु नानी को हर बात बताता और क्या खेलना यह बताता और नानी नाती साथ साथ खेलते घूमते ….
© श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि ‘
अग्रवाल कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर -482002 मध्यप्रदेश