आध्यात्म/Spiritual – श्रीमद् भगवत गीता – पद्यानुवाद – नवम अध्याय (1) प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

श्रीमद् भगवत गीता

हिंदी पद्यानुवाद – प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

नवम अध्याय

( प्रभावसहित ज्ञान का विषय )

श्रीभगवानुवाच

इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे ।

ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात्‌ ।।1।।

श्री भगवान ने कहा –

शुभ चिंतक मैं बताता गुप्त ज्ञान विज्ञान

सुन जिसको हट जायेगा,अशुभ से तेरा ध्यान।।1।।

भावार्थ :  श्री भगवान बोले- तुझ दोषदृष्टिरहित भक्त के लिए इस परम गोपनीय विज्ञान सहित ज्ञान को पुनः भली भाँति कहूँगा, जिसको जानकर तू दुःखरूप संसार से मुक्त हो जाएगा।।1।।

 

I shall  now  declare  to  thee  who  does  not  cavil,  the  greatest  secret,  the  knowledge combined with experience (Self-realisation). Having known this, thou shalt be free from evil.।।1।।

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर

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