आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’

आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी  से अंतरजाल  पर एक संक्षिप्त वार्ता।

आपके जीवन का सर्वाधिक स्मरणीय क्षण : बुआ श्री महीयसी महादेवी वर्मा तथा माँ कवयित्री शांतिदेवी वर्मा के पाँव दबाना.

आपके जीवन का कठिनतम : अभी आना शेष है.

आपकी ताकत :  पत्नी और परमात्मा

आपकी कमजोरी : काम क्रोध मद लोभ भय

आत्मकथ्य :   पुस्तकें- कलम के देव, लोकतंत्र का मकबरा, मीत मेरे, भूकंप के साथ जीना सीखें, समय्जयी साहित्यकार भगवत प्रसाद मिश्रा ‘नियाज़’, काल है संक्रांति का, सड़क पर आदि . संपादन ८ पुस्तकें ६ पत्रिकाएँ अनेक संकलन.

आपका कार्य-जीवनशैली का सामंजस्य : सभी कामना छोड़कर, करता चल तू कर्म / यही लोक-परलोक है, यही धर्म का मर्म

समाज को आपका सकारात्मक संदेश : खुश रहो, खुश रखो

 

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