श्री आशिष बिवलकर
चित्रकाव्य
– सुखावले मन… – ☆ श्री आशिष बिवलकर ☆
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राम राया तुझे | प्रथम दर्शन |
सुखावले मन | दर्शनाने ||१||
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गंडकी नदीची | शिला ही पावन |
मूर्तीची घडण | कोरूनिया ||२||
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कोदंड धारक | हाती एक शर |
धर्म रक्षी नर | उद्धाराला ||३||
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दशावताराची | छान प्रभावळ |
प्रसन्न सोज्वळ | सिद्ध मूर्ती ||४||
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हनुमंत स्थान | प्रभू चरणासी |
मान गरुडासी | सोबतीला ||५||
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रेशमी कुंतल | ॐ स्वस्तिक चिन्ह |
मुद्रा ही प्रसन्न | मुखावर ||६||
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अयोध्या नगरी | विराजेल मूर्ती |
पसरली किर्ती | त्रिलोकात ||७||
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© श्री आशिष बिवलकर
बदलापूर
मो 9518942105
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈