श्री आशिष बिवलकर
चित्रकाव्य
– अमृतसिद्धी योग…– ☆ श्री आशिष बिवलकर ☆
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प्रजासत्ताक हा | गणराज्य दिन |
संविधानी लीन | भारतीय ||१||
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दीडशे वर्षाचे | संपे पारतंत्र्य |
भारत स्वातंत्र्य | संघर्षाने ||२||
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स्वातंत्र्यानंतर | संविधान भिस्त |
घटनेची शिस्त | सार्वभौम ||३||
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पंचाहत्तरावे | साजरे हे वर्षं |
मनी आहे हर्ष | घटनेच्या ||४||
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अमृत सिद्धीचा | योग आला आज |
विविधता साज | चढवोनी ||५||
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राष्ट्राचे सामर्थ्य | कर्तव्य पथासी |
शस्त्रसज्जतेसी | कवायत ||६||
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विश्वगुरु राष्ट्र | रामराज्य नांदी |
प्रजा हॊ आनंदी | भारताची ||७||
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© श्री आशिष बिवलकर
बदलापूर
मो 9518942105
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈