श्री आशिष बिवलकर
चित्रकाव्य
– भान – ☆ श्री आशिष बिवलकर ☆
☆
मतदान केले | वाढूनिया टक्का |
निर्धाराने पक्का | मतदार ||१||
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शिस्तीत रांगेत | केले मतदान |
लोकशाही भान | ठेवुनिया ||२||
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गरीब श्रीमंत | एकाच रांगेत |
पवित्र गंगेत | न्हाण्यासाठी ||३||
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लोकशाही नांदे | राजा मतदार |
बने सरकार | बहुमत ||४||
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संघराज्य रीत | चालवती राज्य |
लोकशाही पूज्य | जनतेला ||५||
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आघाडी बिघाडी | युती महायुती |
नाना करामती | खेळ सारा ||६||
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राजकारण्यानो | दिला आम्ही कौल |
नका मांडू चूल | दुज्या संगे ||७||
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(चित्र – साभार श्री आशिष बिवलकर)
© श्री आशिष बिवलकर
बदलापूर
मो 9518942105
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर