(आज प्रस्तुत है सुश्री प्रभा सोनवणे जी के साप्ताहिक स्तम्भ “कवितेच्या प्रदेशात” में पुनः स्त्री पर एक कविता “स्त्री पर्व ”.
सर्वप्रथम क्षमा चाहूँगा – कविता सामयिक होते हुए भी सामयिकता को अनुशासनात्मक स्वरूप न दे पाया। वैसे तो समय पूर्व कविता मिलने के बावजूद इन पंक्तियों के लिखे जाते तक स्त्री पर्व सतत जारी है…. स्त्री पर्व का अंत असंभव है जहां इस पर्व के अंत की परिकल्पना करते हैं वही नव स्त्री पर्व का प्रारम्भ है। यह सत्य है कि हमारी कविता हमारे जीवन से संवेदनात्मक दृष्टि से जुड़ी हुई है, एक व्यक्तिगत फोटो एल्बम की तरह। जैसे एल्बम के चित्रों में समय के साथ झलकती परिपक्वता के साथ ही कविता परिपक्व होती प्रतीत होती है, वैसे ही हमारी भावनाएं, संघर्ष, संवेदनाएं, वेदनाएं, मानसिकता आदि का आईना होती जाती हैं हमारी कवितायें। फिर एक वह क्षण भी आता है जब लगता है कि संवेदनाएं शेष नहीं रहीं फिर उसी क्षण से अंकुरित होती है नई कविता एक नव स्त्री पर्व की तरह। सुश्री प्रभा जी की कवितायें इतनी हृदयस्पर्शी होती हैं कि- कलम उनकी सम्माननीय रचनाओं पर या तो लिखे बिना बढ़ नहीं पाती अथवा निःशब्द हो जाती हैं। सुश्री प्रभा जी की कलम को पुनः नमन।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित ही प्रत्येक बुधवार सुश्री प्रभा जी की रचना की प्रतीक्षा करते होंगे. आप प्रत्येक बुधवार को सुश्री प्रभा जी के उत्कृष्ट साहित्य का साप्ताहिक स्तम्भ – “कवितेच्या प्रदेशात” पढ़ सकते हैं।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कवितेच्या प्रदेशात # 18 ☆
☆ स्त्री पर्व ☆
आज कवितेच्या वह्या चाळताना जाणवले ,
दिवसेंदिवस खूप बदलते आहे माझी कविता
जुन्या फोटोंचे अल्बम बघताना जसे दिसतात ,
रंग रुप ,व्यक्तिमत्वात होत गेलेले बदल
काळानुरूप …………
तसेच कवितेतही उतरले आहेत पडसाद ,
त्या त्या काळातील भावनांचे, मानसिकतेचे ,
जाणिवांचे, संघर्षाचे !!
जुन्या वहीतल्या अश्रूंच्या कविता —
काळजातल्या कल्लोळाच्या, वेदनेच्या !!
त्या नंतरच्या बंडखोरीच्या ….मुक्ततेच्या ,
आणि परिणामाच्याही ……..
आजपर्यंतच्या प्रवासाच्या पाऊलखुणा —-
माझ्यातली मी —कुठून कुठवर आलेली …..
…..आजकाल पावसाने झोडपल्याच्या ,
उन्हाने करपविल्याच्या खुणाही, टिपत नाही लेखणी !!
जणू लढाई संपली आहे !
ही असेल कदाचित …….युद्धानंतरची शांतता ……
की लढून मिळविलेल्या ,
——नव्या स्त्रीपर्वाची सुरुवात??
© प्रभा सोनवणे,
“सोनवणे हाऊस”, ३४८ सोमवार पेठ, पंधरा ऑगस्ट चौक, विश्वेश्वर बँकेसमोर, पुणे 411011
मोबाईल-९२७०७२९५०३, email- [email protected]
छान
Thank you very much sir