मराठी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ सुजित साहित्य # 29 – अपुर्ण…! ☆ श्री सुजित कदम
श्री सुजित कदम
(श्री सुजित कदम जी की कवितायेँ /आलेख/कथाएँ/लघुकथाएं अत्यंत मार्मिक एवं भावुक होती हैं. इन सबके कारण हम उन्हें युवा संवेदनशील साहित्यकारों में स्थान देते हैं। उनकी रचनाएँ हमें हमारे सामाजिक परिवेश पर विचार करने हेतु बाध्य करती हैं. मैं श्री सुजितजी की अतिसंवेदनशील एवं हृदयस्पर्शी रचनाओं का कायल हो गया हूँ. पता नहीं क्यों, उनकी प्रत्येक कवितायें कालजयी होती जा रही हैं, शायद यह श्री सुजितजी की कलम का जादू ही तो है! आज प्रस्तुत है एक अतिसुन्दर कविता अपुर्ण…! )
☆ साप्ताहिक स्तंभ – सुजित साहित्य #29☆
☆ अपुर्ण…! ☆
परवा कपाट आवरताना
एका बंद वहीत
कागदावर
एक अर्धवट ल हलेली
कविता सापडली.. !
तेव्हा सहज वाटून गेलं…;
गेली कित्येक वर्ष,
ही सुद्धा
माझ्यासारखीच
जगत राहिली असेल .. .
मी चार भिंतीच्या आत
ती एका बंद वहीत..
अपुर्ण…!
© सुजित कदम, पुणे
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