मराठी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कोहरे के आँचल से # 27 ☆ नागमोडी चाल ☆ सौ. सुजाता काळे

सौ. सुजाता काळे

(सौ. सुजाता काळे जी  मराठी एवं हिन्दी की काव्य एवं गद्य विधा की सशक्त हस्ताक्षर हैं। वे महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कोहरे के आँचल – पंचगनी से ताल्लुक रखती हैं।  उनके साहित्य में मानवीय संवेदनाओं के साथ प्रकृतिक सौन्दर्य की छवि स्पष्ट दिखाई देती है। आज प्रस्तुत है  सौ. सुजाता काळे जी  द्वारा रचित एक अतिसुन्दर भावप्रवण  मराठी कविता  “नागमोडी चाल”।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कोहरे के आँचल से # 27 ☆

☆ नागमोडी चाल

धूक्यातील तुझे केस

ढगा सारखे वाटतात

डोळयातील विजेतून

पावसाच्या सरी दाटतात ….

 

डोंगरावरील श्वेत धुके

हिमगिरि वाटतात

अलगद आकाशास

गवसणी घालतात….

 

वळणदार वळणावर

कमळाची पावले

नागमोडी चालताना

लयताल गाठतात….

 

© श्रीमती सुजाता काळे

हिंदी विभागाध्यक्ष, न्यू इरा हायस्कूल, पंचगनी, महाराष्ट्र, मोब – 9975577684