सुश्री प्रभा सोनवणे
(आज प्रस्तुत है सुश्री प्रभा सोनवणे जी के साप्ताहिक स्तम्भ “कवितेच्या प्रदेशात” में उनके चौदह वर्ष की आयु से प्रारम्भ साहित्यिक यात्रा के दौरान उनके साहित्य के ‘वाङमय चौर्य’ के कटु अनुभव पर आधारित एक भावप्रवण कविता “प्रेम”. सुश्री प्रभा जी का यह कविता सात्विक प्रेम पर आधारित अतिसुन्दर कविता है। इस अतिसुन्दर एवं भावप्रवण कविता के लिए वे बधाई की पात्र हैं। उनकी लेखनी को सादर नमन ।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित ही प्रत्येक बुधवार सुश्री प्रभा जी की रचना की प्रतीक्षा करते होंगे. आप प्रत्येक बुधवार को सुश्री प्रभा जी के उत्कृष्ट साहित्य का साप्ताहिक स्तम्भ – “कवितेच्या प्रदेशात” पढ़ सकते हैं।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कवितेच्या प्रदेशात # 40 ☆
☆ प्रेम ☆
साजणाची याद आली
प्रेमवेडी हाक आली
प्रेमरोगी कोण आहे?
कोण आहे हा सवाली ?
स्वास्थ्य, स्फूर्ती, तंदुरूस्ती
प्रेम हे आरोग्यशाली
प्रेम लाभे प्रेमवंता
प्रेमिकांचा देव वाली
प्रेम केले राधिकेने
क्षेम कृष्णाच्या हवाली
प्रेम मीरा, प्रेम राधा
प्रेम भक्ती अन भुपाळी
प्रेम रंगी रंगताना
नित्य होळी अन दिवाळी
भाग्य त्यांचे थोर आहे
प्रेम ज्यांच्या हो कपाळी
© प्रभा सोनवणे
“सोनवणे हाऊस”, ३४८ सोमवार पेठ, पंधरा ऑगस्ट चौक, विश्वेश्वर बँकेसमोर, पुणे 411011
मोबाईल-९२७०७२९५०३, email- [email protected]