श्रीमति उज्ज्वला केळकर
(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ मराठी साहित्यकार श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी मराठी साहित्य की विभिन्न विधाओं की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपके कई साहित्य का हिन्दी अनुवाद भी हुआ है। इसके अतिरिक्त आपने कुछ हिंदी साहित्य का मराठी अनुवाद भी किया है। आप कई पुरस्कारों/अलंकारणों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। आपकी अब तक 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें बाल वाङ्गमय -30 से अधिक, कथा संग्रह – 4, कविता संग्रह-2, संकीर्ण -2 ( मराठी )। इनके अतिरिक्त हिंदी से अनुवादित कथा संग्रह – 16, उपन्यास – 6, लघुकथा संग्रह – 6, तत्वज्ञान पर – 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हम श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी के हृदय से आभारी हैं कि उन्होने साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा के माध्यम से अपनी रचनाएँ साझा करने की सहमति प्रदान की है। आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता ‘ऐन थंडीत’ एवं इस मूल कविता का श्री भगवान् वैद्य ‘प्रखर’ जी द्वारा ऐन सर्दियों में शीर्षक से हिंदी भावानुवाद किया गया है जिसे आप निम्न लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
कविता का लिंक >>>> ☆ ऐन सर्दियों में ☆
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा – # 8 ☆
☆ ऐन थंडीत ☆
या आश्वस्त वृक्षांनीच
विश्वासघात केला आमचा
ऐन थंडीत.
आसरा अव्हेरणं
त्यांना अशक्य झालं,
तेव्हा त्यांनी
विटा काढून घेतल्या
आपल्या घराच्या भिंतींच्या
आता उघडे पडलेले आम्ही
वाट बघतोय
पिसे झडण्याची
किंवा
कुणा शिका-याच्या
मर्मभेदी बाणाची.
© श्रीमति उज्ज्वला केळकर
176/2 ‘गायत्री ‘ प्लॉट नं12, वसंत साखर कामगार भवन जवळ , सांगली 416416 मो.- 9403310170
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