☆ सुश्री स्वप्ना अमृतकर ☆
(सुप्रसिद्ध युवा कवियित्रि सुश्री स्वप्ना अमृतकर जी का अपना काव्य संसार है । आपकी कई कवितायें विभिन्न मंचों पर पुरस्कृत हो चुकी हैं। आप कविता की विभिन्न विधाओं में दक्ष हैं और साथ ही हायकू शैली की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आज प्रस्तुत है सुश्री स्वप्ना जी की हायकू शैली में कविता “”उद्याने”(७ रचना)”। )
☆ “उद्याने”(७ रचना) ☆
(हायकू शैली)
छान उद्याने
गाव असो शहर
वाटे सुंदर १,
असंख्य फुले
उद्यानातला गंध
करी बेदुंध २,
फुलपाखरें
हो फुला फुलांवर
रंगीत तारें ३,
अफाट माया
अनाथांना लाभते
झाडांची छाया ४,
निवांतक्षणीं
गुजगोष्टी करती
वृध्दांची वस्ती ५,
आपसूकच
दिसे पिकली पानें
कोवळी मनें ६,
उद्यानांतच
काव्यांनंदचा स्पर्श
सुखद हर्ष ७.
© स्वप्ना अमृतकर , पुणे