पाथेय  साहित्य कला अकादमी जबलपुर मध्य प्रदेश

(पाथेय साहित्य कला अकादमी संस्कारधानी जबलपुर की प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक है। यह संस्था  डॉ.राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ और उनकी जीवनसंगिनी डॉ. गायत्री तिवारी का दिवा स्वप्न है।)

वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार डॉ.राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ और उनकी जीवनसंगिनी डॉ. गायत्री तिवारी ने अक्टूबर 1995 को पाथेय  प्रकाशन, पाथेय संस्था और पाथेय साहित्य कला अकादमी की स्थापना की.

प्रारंभ में अकादमी ने पारिवारिक स्तर पर प्रियजनों की स्मृति में, विविध विषयों के लिए 2100 और 1100 के 16 पुरस्कार प्रारंभ किए. निर्णय प्रविष्टियों के आधार पर होता था.

8 सितंबर 2015 को डॉ.गायत्री तिवारी के देहावसान से उत्पन्न स्थिति के कारण पुरस्कार योजना बंद कर दी गई.

27 दिसंबर 2015 से ही अकादमी ने ‘गायत्री जन्म स्मृति’ मनाने का निश्चय किया. गायत्री कथा सम्मान के लिए 11000 की राशि निश्चित की गई.

गायत्री सृजन सम्मान से नगरीय क्षेत्रीय प्रतिभाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया.

गायत्री कथा सम्मान से अब तक सम्मानित कथाकार –

सन 2015 – श्री राजेंद्र दानी 

सन 2016 – श्री कैलाश बनवासी 

सन 2017 – श्रीमती सुषमा मुनींद्र 

(सन 2018 के लिए का चयन किया जा रहा है)

अकादमी देशीय  स्तर पर अन्य संस्थाओं को भी सहयोग देती है.

वर्तमान में अकादमी के पदाधिकारी हैं.

अध्यक्ष – डॉ भावना शुक्ल

महासचिव – श्री राजेश पाठक प्रवीण

सचिव – डॉ हर्ष कुमार तिवारी

 

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

2 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
विजय तिवारी

दिशाबोधी आलेख एवं
सम्मान/ स्मृति कार्यक्रम भी।

मालती मिश्रा

उपयोगी जानकारी