☆ संस्थाएं / Organisations ☆
☆ मुश्किल हालात में भी हम हैं न…. हैल्पिंग हेण्ड्स – फॉरएवर वेल्फेयर सोसायटी ☆
आज के संवेदनहीन एवं संवादविहीन होते समाज में भी कुछ संवेदनशील व्यक्ति हैं, जिन पर समाज का वह हिस्सा निर्भर है जो स्वयं को असहाय महसूस करता है। ऐसे ही संवेदनशील व्यक्तियों की संवेदनशील अभिव्यक्ति का परिणाम है “हैल्पिंग हेण्ड्स – फॉरएवर वेल्फेयर सोसायटी” जैसी संस्थाओं का गठन। इस संस्था की नींव रखने वाले समाज-सेवा को समर्पित आदरणीय श्री देवेंद्र सिंह अरोरा (अरोरा फुटवेयर, जबलपुर के संचालक) एक अत्यंत संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी हैं, जो यह स्वीकार करने से स्पष्ट इंकार करते हैं कि- वे इस संस्था की नींव के पत्थर हैं। उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति जो इस संस्था से जुड़ा है वह इस संस्था की नींव का पत्थर है। उनकी यही भावना संस्था के सदस्यों को मजबूती प्रदान करती है।
आज जब सारा विश्व अदृश्य शत्रु ‘कोरोना’ से संघर्ष कर रहा है। हमारे देश में भी लॉकडाउन लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए हैं। आज हमारे पास घर हैं, राशन है और आपातकालीन व्यवस्था है।
उनका क्या जिनके पास छत ही नहीं है, अनाज तो दूर की बात है? उनका क्या जिनके पास छत है किन्तु, खाने को नहीं है? उनका क्या जो रोज कमाते और रोज खाते हैं? ऐसे और भी जरूरतमन्द लोग हैं जो रोज़मर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर सकते? फिर भूख … भूख होती है….हर इंसान को लगभग 6-8 घंटे में लगती ही है….फिर क्या अमीर क्या गरीब? लेकिन भूख क्या होती है उससे पूछिये जिसके पास कुछ भी नही है।
किन्तु, आज भी मानवता जीवित है। मानवीय संवेदनाएं जीवित हैं। ऐसे कुछ लोग और ऐसे लोगों से बनी हुई संस्थाएं हैं, जो निःस्वार्थ भाव से अपनी जान जोखिम में डाल कर ऐसे लोगों के लिए दिन रात उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति में जुटे हैं। ऐसे भी कुछ लोग हैं जो ऐसी संस्थाओं को तन-मन-धन से सहयोग कर रहे हैं। साथ ही हमारे पुलिस मित्र जो 24×7 अपनी सेवाएँ दे रहे हैं उन्हें भी समय समय पर अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
ऐसी कई सेवभावी संस्थाएं सारे राष्ट्र में निःस्वार्थ भाव से तन मन धन से समाजसेवा में लगी हुई हैं। मेरी जानकारी में ऐसी ही एक संस्था जबलपुर में कार्यरत है जिसकी जानकारी ई-अभिव्यक्ति नें 1 नवंबर को 2018 प्रकाशित की थी जिसे आप निम्न लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं:-
संस्थाएं – “हैल्पिंग हेण्ड्स – फॉरएवर वेल्फेयर सोसायटी”
संस्था के अनुसार – “हमारी कोशिश होती है कि हम हर हाल और हर परिस्थिति में भी लोगों के काम आ सकें। हमारे सदस्यों का यही जज़्बा हमें बनाता है……हेल्पिंग हैंड्स”
वर्तमान परिस्थितियों में संस्था के श्री विनोद शर्मा जी के अनुसार – जब 21 दिन के कर्फ्यू की तरह के लाक डाउन की घोषणा कर दी गई है। ऐसे हालात में हमे उनकी भी चिंता करनी है जो गरीब और बेबस है। उनके पास खाने को कुछ भी नही है। हेल्पिंग हैंड्स की कार्यसमिति ने ऐसे लोगो की मदद का निर्णय लिया है। ऐसे हालात में गरीबों बेबसों के लिए भोजन की व्यवस्था/खाने के पैकेट बांटने के लिए हमने प्रशासन से बात की। चूंकि मेडिकल प्रोटोकाल और कर्फ्यू दोनों है अतः प्रशासन ने कहा कि खाने के पैकेट आप हमारे पास तक पहुचाइए हम उन जरूरतमंद लोगों तक पहुँचा देंगे।
संस्था को इस काम के लिए प्रशासन द्वारा दो कर्फ्यू पास भी जारी किये गए। संस्था की ओर से उपाध्यक्ष श्री प्रवीण भाटिया एवं सचिव श्री देवेंद्र सिंह अरोरा पैकेट्स पुलिस ठाणे तक पहुंचा देते हैं । प्रशासन और पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को मालूम है कि इस हालात में कहां-कहां जरूरतमंद लोग हैं? क्योंकि सारी सूचना वही पहुँच रही है। अब प्रशासन और पुलिस की टीम इन पैकेट्स को बांटने की व्यवस्था कर रही है। यह पूरी एक चेन है। व्यक्ति अकेले कुछ भी नही होता। जब सब मिल कर कोई काम करते हैं तब कुछ भी असंभव नही होता।
संस्था के ही एक सदस्य डॉ विजय तिवारी ‘किसलय’ जी कहते हैं – “इस कोरोना महामारी के आपद काल में मन निश्छल रखते हुए सबका कर्त्तव्य व दायित्व है कि हम मानवीय धर्म का पालन करें। धीरज रखें और समाज में मित्र भाव से परपीड़ाओं के यथोचित समाधान में सहयोगी बनें।“
धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी
आपद काल परखिअहिं चारी
एवं
परहित सरिस धर्म नहीं भाई,
परपीड़ा सम नहीं अधमाई.
जैसी सूक्तियों को चरितार्थ करें। हमारी हेल्पिंग हैंड्स सोसायटी ने “फ़ॉर एवर वेलफेयर” वाक्य को सत्य साबित किया है।
हम सब देख ही रहे हैं कि जिस उदारता से हमारे सदस्यगण आगे बढ़कर सहयोग की घोषणा किये जा रहे हैं, इसकी कृतज्ञता हेतु कोई शब्द नहीं है।
हम तो बस इतना जानते हैं कि जबलपुर में हमारी संस्था “हेल्पिंग हैंड्स” और सदस्यों का जज़्बा यूँ ही बरकरार रहे। संस्था एक मिसाल कायम करे।
हेल्पिंग हैंड्स में न कोई छोटा न बड़ा सब सिर्फ भावना से जुड़े हैं। हमारे सदस्यों की नेक कामों के लिए भावना गंगा की तरह निर्मल और हिमालय की ऊंची है और वे दुनिया के सबसे नेक इंसान हैं।
(अधिक जानकारी एवं हैल्पिंग से जुडने के लिए आप श्री देवेंद्र सिंह अरोरा जी से मोबाइल 9827007231 पर अथवा फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Helping-Hands-FWS-Jabalpur-216595285348516/?ref=br_tf पर विजिट कर सकते हैं।)
☆ यह काम संस्था लगातार तब तक करेगी जब तक स्थिति सामान्य नही हो जाती ☆
(हम ऐसी अन्य सामाजिक एवं हितार्थ संस्थाओं की जानकारी अभिव्यक्त करने हेतु कटिबद्ध हूँ। यदि आपके पास ऐसी किसी संस्था की जानकारी हो तो उसे शेयर करने में हमें अत्यंत प्रसन्नता होगी।)
☆ ई- अभिव्यक्ति की और से मानवता की सेवा में निःस्वार्थ और नेक इंसानों की टीम “हेल्पिंग हैंड्स” के जज्बे को सलाम! ☆
आदरणीय श्री हेमंत बावनकर जी के विचार और उद्देश्य जितने पावन और नेक हैं, उतने ही अच्छे कार्य भी हैं। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी इस “ई-अभिव्यक्ति” अंतरजाल पत्रिका के पढ़ने वालों की संख्या अब तक “एक लाख अड़सठ हजार” को भी पार कर गई।
आज के हेल्पिंग हेंड पर आधारित लेख से भी स्पष्ट है कि आपकी दृष्टि एवं कार्य कितने नेक हैं।
हेल्पिंग हेंड के बारे में इतनी अच्छी जानकारी हेतु हम आपके आभारी हैं।