☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
☆ व्यंग्यम के आयोजन में हुआ व्यंग्य विधा पर विचार-विमर्श ☆
जबलपुर। व्यंग्यम् परिवार, माध्यम साहित्यिक संस्था, और गुंजन कला सदन द्वारा आयोजित श्रीजानकी रमण महाविद्यालय, जबलपुर में व्यंग्य पर केंद्रित एक विशिष्ट कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट राजेश दुबे की हरिशंकर परसाई जी पर केंद्रित रचनाओं की कार्टून प्रदर्शनी का उदघाटन अतिथियों के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जानकीरमण के प्राचार्य डॉ अभिजात त्रिपाठी एवं मुख्य अतिथि की आसंदी पर आचार्य भगवत दुबे जी विराजमान। आमंत्रित अतिथियों में माध्यम साहित्यिक संस्था के राष्ट्रीय महासचिव, अट्टहास पत्रिका लखनऊ के प्रधान संपादक अनूप श्रीवास्तव हास्य और व्यंग्य’पर बातचीत की। नई दिल्ली से पधारे व्यंग्यकार रामकिशोर उपाध्याय जी आज व्यंग्यकार के सामने चुनौतियां’ विषय पर अपनी राय रखी, वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार ने समकालीन व्यंग्य पर विचार-विमर्श किया। व्यंग्यम परिवार के बारह व्यंग्यकारों को राष्ट्रीय स्तर का व्यंग्य गौरव अलंकार प्रख्यात अट्टहास पत्रिका लखनऊ और माध्यम राष्ट्रीय मंच द्वारा दिया गया। प्रतुल श्रीवास्तव एवं यशोवर्धन पाठक ने व्यंग्य और गुंजन का परिचय दिया, तदोपरांत कवि गंगाचरण मिश्र ने परसाई जी से संबंधित संस्मरण को प्रस्तुत किया तथा नाट्य निर्देशक श्री दविन्दर ग्रोवर परसाई जी की रचना टार्च बेचने वाला का पाठ किया। कार्यक्रम में लखनऊ से पधारे व्यंग्यकार अलंकार रस्तोगी ने व्यंग्य पाठ किया।
कार्यक्रम में उपस्थित देश के सुप्रसिद्धि रचनाकार श्री अनूप श्रीवास्तव, रामकिशोर उपाध्याय, अलंकार रस्तोगी, श्रीमती सीमा मिश्रा, श्री हरि नारायण शुक्ल, डॉ रश्मि बाजपेई आदि ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री जानकीरमण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अभिजित कृष्ण त्रिपाठी जी ने जबलपुर में चली आ रही व्यंग परंपरा का स्मरण करते हुए व्यंगम् संस्था के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि व्यंगम् का यह प्रयास अनुकरणीय बताया। आयोजन का संयोजन, समन्वय और रूप रेखा में प्रतुल श्रीवास्तव, जय प्रकाश पाण्डेय, रमाकांत ताम्रकार, विजय तिवारी किसलय आदि का योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन अभिमन्यु जैन द्वारा और आभार सुरेश मिश्र विचित्र द्वारा किया गया। नगर के पत्रकार, व्यंग्यकार, वर्तिका के संयोजक विजय नेमा, मंनथनश्री के संतोष नेमा, जागरण के जैन साहब,
राज सागरी, आचार्य निरंजन द्विवेदी अजय मिश्रा मनोज चौरसिया, संजय पांडे, सुनील तोमर, विजय आनंद माहिर, , के पी पांडे, यशोवर्धन पाठक, मनोज शुक्ल मनोज, यू एस दुबे आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन श्री अभिमन्यु जैन था आभार सुरेश मिश्र विचित्र ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतुल श्रीवास्तव, विजय जैसवाल, श्री राज सागरी, आचार्य निरंजन द्विवेदी अजय मिश्रा मनोज चौरसिया, संजय पांडे, सुनील तोमर, विजय आनंद माहिर, संतोष नेमा, के पी पांडे, यशोवर्धन पाठक, मनोज शुक्ल मनोज, यू एस दुबे, गोपाल रैकवार, चंदन सेन उपस्थित रहे।
साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर
≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈