सूचनाएँ/Information ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के व्यंग्य संग्रह “डांस इण्डिया डांस” का विमोचन ☆
सूचनाएँ/Information
☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के व्यंग्य संग्रह “डांस इण्डिया डांस” का विमोचन ☆
पुस्तक – डांस इण्डिया डांस ( व्यंग्य-संग्रह)
लेखक – श्री जय प्रकाश पाण्डेय
प्रकाशक – रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली
मूल्य – रु 300/-
इस अमेज़न लिंक पर ऑनलाइन उपलब्ध >> डांस इण्डिया डांस ( व्यंग्य-संग्रह)
विगत दिनों विश्व की पुस्तकों की दुनिया के सबसे बड़े मेले विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली में संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के व्यंग्य संग्रह “डांस इण्डिया डांस” का विमोचन सम्पन्न हुआ।
दिल्ली में आयोजित इस विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर व्यंग्य संग्रह “डांस इण्डिया डांस” का विमोचन श्री प्रेम जनमेजय (व्यंग्य यात्रा के सम्पादक और प्रसिद्ध व्यंग्यकार), डॉ सुरेश कांत (ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार आलोचक ), श्री गिरीश पंकज (छत्तीसगढ़ के चर्चित व्यंग्यकार पत्रकार), श्री हरीश पाठक (वरिष्ठ कथाकर), श्री रमेश सैनी (व्यंग्यकार) , श्री पंकज सुबीर (व्यंग्य समालोचक ), श्री महेश दर्पण (सारिका के पूर्व उप संपादक ), डॉ संजीव कुमार (साहित्यकार) , श्रीमती समीक्षा तेलंग (व्यंग्यकार) आदि द्वारा किया गया।
इसी अवसर पर देश भर से पधारे साहित्यकारों, पत्रकारों से खचाखच भरे सभागार में “इक्कीसवीं सदी में व्यंग्य की दशा और दिशा” विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई ।
विमोचन के बाद डांस इण्डिया डांस की पहली प्रति प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि आदरणीय सुरेंद्र शर्मा जी (हिन्दी ग्रंथ अकादमी के मुखिया) और भोपाल के वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री हरि जोशी जी को श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ने सादर भेंट की।
इस सन्दर्भ में डॉ कुंदन सिंह परिहार जी का यह कथन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं “एक अच्छे व्यंगकार में अनेक गुण अपेक्षित हैं । पहले तो व्यंग्यकार संवेदनशील हो, ओढ़ी हुई करुणा से सार्थक व्यंग्य लेखन नहीं होगा। दूसरे उसकी द्रष्टि सही हो । रूढ़ीवादी और अवैज्ञानिक सोच वाले लेखकों के लिए व्यंग्य को साधना कठिन है । लेखक की अभिव्यक्ति प्रभावशाली होनी चाहिए । लेखन शैली ऐसी हो जो पाठक को बांधे और साथ ही उसे सोचने को बाध्य करे । व्यंग्य का उद्देश पाठक का मनोरंजन करना नहीं हो सकता।”
आशीर्वचन स्वरुप पुस्तक की प्रस्तावना सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार जी द्वारा लिखी गई है, जिसे आप निम्न लिंक पर पढ़ सकते हैं।
(ई- अभिव्यक्ति की ओर से श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए एवं सतत सफल लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं)