☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ पुस्तक मेले में लम्बी लम्बी कतारें – कमलेश भारतीय

दिल्ली के प्रगति मैदान में पुस्तक मेला जारी है और पांच मार्च को संपन्न होगा । तीस देशों के प्रकाशक इसमें अपनी पुस्तकें लेकर आये हैं । पिछले रविवार पुस्तक मेले में जाने का अवसर मिला । कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक विभाग के पूर्व निदेशक , रंगकर्मी व लेखक अनूप लाठर की नयी किताब –काल और ताल के विमोचन पर ! प्रो योगेश सिंह और प्रो अनु लाठर ने इसका विमोचन किया । इस बहाने सारी रौनक देखने को मिली । सबसे खुशी की बात कि मेले में प्रवेश के लिये लम्बी लम्बी कतारें लगी थीं। अंदर बाहर मेला ही मेला ! नागपुर से सृजन बिम्ब की संचालिका रीमा दीवान चड्ढा ने भी अपने प्रकाशन की पुस्तकों का विमोचन करवाया । लघुकथा के अनेक परिंदे कांता राॅय के आमंत्रण पर मौजूद रहे । हर स्टाॅल पर लेखक ही लेखक ! मिलन एक साल बाद ! नयी से नयी पुस्तकों का विमोचन और चर्चायें ! फिर एक साल बाद जुटेंगे ! व्यवस्था भी खूब तारीफ के लायक ! सबको बधाई जिनकी किताबें आईं और विमोचन हुए ।

यह मेला और इसकी रौनक बताते है कि अभी छपी हुई किताब का आकर्षण बाकी है । डिजीटल ने सब कुछ छीन नहीं लिया ।

चंडीगढ़ साहित्य अकादमी पुरस्कार : चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में लेखकों को सम्मानित किया गया । इसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार एवं राष्ट्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर विश्वनाथ तिवारी द्वारा की गई। जसपाल सिंह , कुमार शर्मा अनिल, गुल चौहान, सुषमा अलंकार एवं मोहम्मद शकील खान को अवाॅर्ड ऑफ रिकग्निशन प्रदान किया गया।

अंग्रेजी भाषा में लिखने के लिए कवि कुमार हर्ष, उपन्यासकार मंजू जैदका, कवयित्री लिली स्वर्ण, बाल साहित्य में सुलेखा शर्मा, हिंदी के लिए बाल साहित्य में किरण कालिया, कवि और उपन्यासकार अजय सिंह राणा, उपन्यासकार विजय सौदाई, अनुवादक प्रमिला गुप्ता और ऋतु भनोट, कहानीकार शैलजा कौशल कोचर, कवि अनिता सुरभि, पंजाबी के लिए बाल साहित्य में बहादुर सिंह गोसल, अनुवादक सुरेंद्र बंसल, कथा हरप्रीत सिंह चानू और कवि सतविंदर सिंह धनोआ वहीं उर्दू भाषा में कवि चमन शर्मा को सम्मानित किया गया ।

इलाहाबाद में रवींद्र कालिया को याद किया : प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, संपादक , अलमस्त और फक्कड़ रवींद्र कालिया को इलाहाबाद ने दो दिवसीय आयोजन कर याद किया । जाहिर है कि यह आयोजन उनकी पत्नी व लेखिका ममता कालिया व उनके बेटे अनिरुद्ध के बिना कैसे हो सकता था ! वे दोनों इसमें मौजूद रहे और यह कहा कि इलाहाबाद में सरस्वती बहती रहनी चाहिए । साथ ही रवींद्र कालिया के बारे ने संस्मरण भी सुनाये ! यश मालवीय ने संचालन किया । आनंद कक्कड़ ने जानकारी देते बताया कि यह दो दिवसीय आयोजन कहकशां फाउंडेशन की ओर से किया गया । कथा, संस्मरण के साथ शायरी की महफिल भी जमी! ऐसे रचनाकारों को कहीं न कहीं याद किये जाने से साहित्य और संस्कृति बची रहेगी । जालंधर वालों को भी रवींद्र कालिया को किसी बहाने याद करना चाहिए !

दिल्ली में डायलॉग गोष्ठी : दिल्ली की अर्पणा आर्ट एड लिटरेचर अकादमी में इसी रविवार पुस्तक मेले के बीच डायलॉग की गोष्ठी में जाने का अवसर भी मिला । इसे उपाध्यक्ष देव प्रकाश चौधरी संचालित करते हैं । इनकी धर्मपत्नी प्रीतिमा वत्स भी इनका साथ सक्रियता से देती हैं । पिछले छब्बीस साल से यह डायलॉग जारी है और प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौरपेटर आर्टिस्ट अर्पणा के सान्निध्य में ! इस गोष्ठी में डाॅ दिविक रमेशविज्ञान व्रत ने अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ कर इस विमोचन को खूबसूरत बना दिया । नये रचनाकारों ऋत्विक भारतीय , हिमानी दीवान , सुनीता चौधरी, राजेंद्र शर्मा ने भी प्रभावित किया । मुझे भी अपनी कहानी तीन दृश्य : एक चेहरा के पाठ का अवसर मिला । यों इसमें दीप्ति एंग्रीश, पुनीत सिंह, अनु चावला, रश्मि, नीलम और अन्य रचनाकार भी मौजूद रहे । यह डायलॉग चलता रहे । यही दुआ है ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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