☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ उत्तर प्रदेश पत्रिका का मन्नू भंडारी विशेषांक ☆
मन्नू भंडारी की याद किसे नहीं और कौन भूल सकता है इन्हें ? ‘रजनीगंधा’ फिल्म की याद है ? यह उन्हीं की कहानी पर आधारित थी । ‘रजनी’ जैसा लोकप्रिय धारावाहिक मन्नू भंडारी ने लिखा । ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसे उपन्यास भी इनके खूब चर्चित रहे । ‘आपका बंटी’ उपन्यास प्रसिद्ध लेखक मोहन राकेश के जीवन पर आधारित है और वे भी कुछ न कह सके ! राजेंद्र यादव के साथ बरसों रहने के बाद जीवन के आखिरी दौर में अलग होने का साहस दिखाया । छह गज साड़ी और लाल बिंदी से दूर से ही पहचानी जाती थीं । बेटी रचना यादव ने आखिर अपनी मां पर स॔स्मरण लिखा – छह गज का अनंत विस्तार ! ये सब पढ़ने को मिलेगा उत्तर प्रदेश नामक पत्रिका में जिसका मन्नू भंडारी विशेषांक आया है । सुधा अरोड़ा जैसी वरिष्ठ कथाकार ने एक प्रकार से ठान लिया था कि यह विशेषांक बिना रचना यादव के संस्मरण के नहीं जायेगा । और वे सफल रहीं क्योंकि मौसी जो हैं रचना की ! सुधा अरोड़ा की कवितायें भी खूब है मन्नू भंडारी पर । दोनों कोलकाता से हैं लेकिन मज़ेदार बात कि कभी कोलकाता में नहीं मिलीं । दिल्ली में मिलीं । दोनों में जो प्रेम और समर्पण है वह आज लेखक बिरादरी में देखने को नहीं मिलता । वैसे इस अंक में ममता कालिया का संस्मरण भी बहुत खूबसूरत है- मन्नू भंडारी ने अपने शीर्ष रचनात्मक वर्षों में कमतर और कमज़ोर लेखिकाओं को अपने व्यक्तित्व और कृतित्व पर हावी होते देखा । कम दवा से कोई नहीं मरता, कम प्रेम से जरूर मर जाता है । यह बहुत बड़ा सच लिख दिया ममता कालिया ने ! सुधा अरोड़ा का संसमरण – मेरी डायरी के पन्नों में मन्नू दी भी बहुत शानदार है । यह अंक सचमुच पठनीय है । संग्रहणीय है । जिसने भी मुझे यह भेजा उसको दिल से आभार।
हिमालय मंच : हिमाचल की सीमाओं से बाहर तक फैले हैं कथाकार एस आर हरनोट । शिमला जब भी इन वर्षों में जाना हुआ, हरनोट से मुलाकात और विचार विमर्श जरूर हुआ । किताबों का आदान प्रदान भी । बुक कैफे के बंद होने पर भी खूब आंदोलन किया । वे हिमालय साहित्य मंच नाम से पिछले बारह वर्षों से जैसे एक आंदोलन ही चले रहे हैं । कभी रेल साहित्य यात्रा से तो कभी गेयटी थियेटर में तो कभी रोटरी हाॅल में ! कभी विनोद गुप्ता के साथ ! कुछ न कुछ क्रियेटिव करते रहते हैं । सचमुच आज हिंदी साहित्य को ऐसे एक्टिविस्ट चाहिएं जो न सिर्फ लिखें बल्कि नयी पीढ़ी को भी आगे बढ़ाने में सहयोग दें । हरनोट यह काम बहुत खूबसूरती से कर रहे हैं । शुभकामनाएं।
हरियाणा साहित्य व सांस्कृतिक अकादमी : डाॅ कुलदीप अग्निहोत्री को हरियाणा साहित्य व संस्कृतिक अकादमी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है और उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया । वे इससे पहले केंद्रीय विद्यालय, धर्मशाला के कुलपति व पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं । पंजाब के नवांशहर के गांव मुकंदपुर के मूल निवासी डां अग्निहोत्री एक समाचार एजेंसी के प्रमुख भी रहे । पत्रकारिता और साहित्य से जुडे व्यक्तित्व । बधाई ।
भिवानी में नाटयोत्सव : मीरा कल्चरल सोसायटी की ओर से विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय नाट्योत्सव आयोजित किया गया । तीनों दिन नाटक तो मंचित हूए और एक एक व्यक्तित्व को सम्मानित भी किया गया जिसमें खुशकिस्मती से मैं भी एक रहा और दूसरे रहे महेश वाशिष्ठ व जगबीर राठी । सोनू रोंझिया की कोशिश को सलाम । कोरोना के बाद यह आयोजन कर पाये और आगे जारी रखने की घोषणा की है । पार्क और रामसजीवन की प्रेम कथा जैसे नाटक मंचित किये गये । खुद सोनू ने रामसजीवन की प्रेम कथा का निर्देशन किया । कुरूक्षेत्र के विकास शर्मा ने पहले दिन पार्क का मंचन किया । इस तरह हिसार के बाद भिवानी का नाटयोत्सव भी खूब चर्चा में है ।
राजगढ़ में लघुकथा सम्मेलन: राजस्थान के राजगढ़ जैसे छोटे से शहर में राजस्थान साहित्य अकादमी के सहयोग से दो दिवसीय राष्ट्रीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है । देश भर से सक्रिय लघुकथाकार आमंत्रित हैं । देखिये कैसा आयोजन होता है । फिलहाल तो शुभकामनायें !
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈