☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ राजगढ़ में लघुकथा सम्मेलन ☆
राजस्थान के कस्बे राजगढ़ में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सहयोग से साहित्य समिति ने दो दिवसीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित किया । इसका उद्घाटन सादुलपुर की विधायक व प्रसिद्ध खिलाड़ी कृष्णा पूनिया व अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने किया । इसमें देश भर से कम से कम चालीस लघुकथाकार शामिल हुए और दोनों दिन लघुकथा पाठ के सत्र बहुत ही प्रभावशाली रहे । उद्घाटन सत्र में कुछ पत्रिकाओं व लघुकथा संग्रहों का विमोचन भी किया गया । इस सफल आयोजन के लिये डाॅ रामकुमार घोटड़ बधाई के पात्र हैं जो हर समय अतिथियों की सेवा सत्कार में जुटे रहे । इनकी धर्मपत्नी लाजवंती व बेटी डाॅ प्रेरणा भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहीं । ऐसा आयोजन मुश्किल से हो पाता है पर यह बहुत स्मरणीय रहा । इससे पहले पंजाब की मिन्नी संस्था ने पिछले वर्ष अक्तूबर माह में लघुकथा सम्मेलन किया था ।
कथा संवाद के सम्मान : प्रसिद्ध कथाकार से रा यात्री के बेटे आलोक यात्री, संभाष चंदर व शिवराज मिलकर गाजियाबाद में चला रहे हैं -कथा संवाद ! इसमें प्रतिमाह कथा गोष्ठी का आयोजन करते हैं । अगले माह मई मे वे देने जा रहे हैं कथा सम्मान ! इसमें अनेक नामों के बीच कथाकर सिनीवाली का नाम उल्लेखनीय है । वे गाजियाबाद में ही रहती हैं । उनके नये कथा संग्रह का नाम है -गुलाबी नदी की मछलियां ! इसमें नौ कहानियां संकलित हैं और बहुत ही प्रभावशाली हैं । आने वाले समय की महत्त्वपूर्ण कथाकार को सम्मानित किये जाने की घोषणा पर बधाई ।
मुम्बई में बैठकी : जहां जहां लेखक जाते हैं, वहीं वहीं रचनाकार उनके स्वागत् करें, गोष्ठियां करें तो कितना अच्छा हो । ऐसे ही खुशकिस्मत लेखक हैं व्यंग्य यात्रा के संपादक व प्रसिद्ध व्यंग्यकार डाॅ प्रेम जनमेजय जिनको मुम्बई पहुंचने पर भी पूरा प्यार, सम्मान व स्नेह मिलता है। इसी स्नेह के चलते वे जब पुष्पा भारती से मिले तब एक नयी पुस्तक ने जन्म लिया जो प्रसिद्ध रचनाकार व धर्मयुग के यशस्वी संपादक धर्मवीर भारती पर आधारित रही बल्कि एक सम्मान भी तय हुआ धर्मवीर भारती की स्मृति में । मुम्बई में उनका बेटा रहता है, जब वे वहां जाते हैं तो मुम्बईकर हो जाते हैं। आजकल मुम्बईकर हैं डाॅ प्रेम जनमेजय! वे कहते हैं कि मुम्बई में मेरा आत्मीय साहित्यिक परिवार है। इस परिवार के एक महत्वपूर्ण हिस्से–हरीश पाठक, संजीव निगम और सुभाष काबरा संग बैठकी का मुक्तानन्द प्राप्त किया। इनके ताज़ा व्यंग्य संकलन ‘सींग वाले गधे’ और व्यंग्य यात्रा के ताजा अंक ने, सही हाथों में पहुंचकर इस आनंद को दो दूनी चार कर दिया ।
भिवानी में नाट्य कार्यशाला : मीरा कल्चरल सोसायटी के संचालक व रंगकर्मी सोनू रोझिया ने आजकल भिवानी में नाट्य कार्यशाला चला रखी है । इसे अनोखी कार्यशाला भी कह सकते हैं क्योंकि इसमें साठ वर्ष से ऊपर की महिलायें भी आ रही हैं और सारी महिलायें ही हैं । बधाई ।
हिसार में ईना , मीना, डीका : इसी बीच हिसार की नृत्यम् संस्था की ओर से ईना , मीना , डीका बाल नाटक का मंचन किया गया जिसमें छब्बीस कलाकारों ने अपना कमाल दिखाया । यह बाल नाटक गीत, संगीत व सीख का मिश्रण है । तीन लड़कियाँ अनाथाश्रम से भागती हैं और इसी भागमभाग में वे दहेज के लोभी दूल्हे , बच्ची की खरीद फरोख्त कर रहे लोभी व्यक्ति और वृद्धा मां को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर गये बेटे से टकराती हैं और उन्हें सबक सिखाती हैं । इसी बीच अनाथाश्रम का मैनेजर दो गुंडों के साथ इन्हें पकड़ना चाहता है जबकि वे इन्हें भी धराशायी कर देती हैं । इस तरह बहुत ही प्रभावशाली मंचन संजय सेठी और ज्योति चुघ के निर्देशन में ! बहुत बहुत बधाई ।
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈