☆ सूचनाएँ/Information ☆
(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)
साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय
(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)
☆ गाजियाबाद में कथा रंग सम्मान ☆
गाजियाबाद की संस्था ‘कथा रंग’ की ओर से आयोजित एक दिवसीय कहानी महोत्सव एवं सम्मान समारोह में देश भर से जुड़े रचनाकारों ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार प्रकट किए। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ प्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने करते कहा कि – “एक समय था जब इलाहाबाद की पहचान साहित्य की राजधानी के रूप में होती थी। आज गाजियाबाद साहित्य की कुंभ नगरी बन गया है।” उन्होंने कहा कि- “जब सदी बदलती है तो कईं बदलाव लाती है।” वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि- “जीवन में आ रहे बदलाव पर ध्यान देकर किया गया लेखन ही दूर तक जाता है।” अंतिम सत्र की मुख्य अतिथि मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि ऐसे समारोह नए रचनाकारों को साहस व आगे बढ़ने का हौसला प्रदान करते हैं। सुप्रसिद्ध समीक्षक राहुल देव ने कहा कि- “जीवंत भाषा शुद्धता का आग्रह करती है। विराट स्वरूप के बावजूद अंग्रेजी मिश्रित हिंदी भाषा के वजूद के लिए खतरा पैदा कर रही है।” सुप्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री रेणु हुसैन ने कहा कि- “कहानी हमारे समाज का वह दस्तावेज होती है जो पीढ़ियों को हमारे वर्तमान का बोध करवाती है।”
शोभनाथ शुक्ल की कहानी शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी को प्रथम सम्मान स्वरूप 11 हजार रुपए का शिवम कपूर स्मृति प्रेमचंद कथा सम्मान प्रदान किया गया। द्वितीय पुरस्कार आशा पांडे की कहानी हारा हुआ राजा को जयदेवी जायसवाल स्मृति शिवानी कथा सम्मान तथा वंदना जोशी की कहानी नगर ढिंढोरा को मीनाक्षी वर्मा स्मृति इंदिरा गोस्वामी कथा सम्मान सहित 51-51 सौ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। तृतीय पुरस्कार स्वरूप सिनीवाली की कहानी रहो कंत होशियार को शकुंतला देवी पाठक स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया । कुल तेइस कथाकारों को पुरस्कृत किया गया ।
शिमला में व्यंग्य पर सम्मान : हिमाचल की राजधानी शिमला में व्यंग्य पर सोलन के डाॅ अशोक गौतम , दिल्ली के डाॅ प्रेम जनमेजय , लालित्य ललित , डाॅ संजीव को व्यंग्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये सम्मानित किया गया । मुख्य वक्ता डाॅ प्रेम जनमेजय ने दो टूक बात कही कि- “व्यंग्य पगडंडियों पर चलता है न कि राजपथ पर !” डाॅ प्रेम जनमेजय ने व्यंग्य के क्षेत्र में व्यंग्य यात्रा पत्रिका के माध्यम से और अपने लेखन से इस विधा को निरंतर आगे बढ़ाने में जो योगदान दिया वह सराहनीय है । व्यंग्य यात्रा का नवीनतम अंक व्यंग्य में नारी स्वर खूब चर्चित हो रहा है । हिमाचल की कला व साहित्य अकादमी के सहयोग से यह आयोजन किया गया जो बहुत सफल रहा ।
अल्मोड़ा में साहित्योत्सव : अल्मोड़ा में जून माह के शुरू मे साहित्योत्सव करने की घोषणा की गयी है जिसे अल्मोड़ा लिट फेस्ट का नाम दिया गया है । डाॅ दीपा गुप्ता इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं और दूरदराज पर्वतीय आंचल में साहित्योत्सव का आयोजन गर्मी के मौसम में बहुत खूब रहेगा । साहित्य और मौसम मिलकर जादू कर देंगे !
लघुकथा में योगदान : दिनेशपुर से पिछले 39 साल से प्रकाशित प्रेरणा अंशु पत्रिका का नया अंक लघुकथा विशेषांक के रूप मे आयेगा । संपादक पलाश विश्वास इसके लिये लगातार संपर्क कर रहे हैं कि अच्छी रचनायें मिल सकें । इसी प्रकार दिल्ली के डाॅ कमल चोपड़ा प्रतिवर्ष संरचना नाम से लघुकथाओं की वार्षिकी प्रकाशित करते आ रहे हैं । इसकी चर्चा भी हर बार रहती है । इसमें देश भर के रचनाकारों की श्रेष्ठ रचनायें शामिल रहती हैं । यह डाॅ कमल चोपड़ा का लघुकथा के क्षेत्र में बहुत ही खामोश योगदान है । इधर डाॅ अशोक भाटिया के संपादन में समकाल का लघुकथा विशेषांक भी आने वाला है । डाॅ अशोक भाटिया लघुकथा में अनथक काम कर रहे हैं। सभी मित्रों को अग्रिम शुभकामनायें !
साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈