☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹स्वास्थ्य संसद 2023: अमृत तत्व-1 ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव🌹

पत्रकार पुरोहित की तरह होते हैः स्वामी ज्ञानेश्वरी

भविष्य की बीमारियों को बताएगा जीनोम सिक्वेंसिंग: गौरव श्रीवास्तव

  • 140 करोड़ लोगों के बीच में मात्र 11 हॉस्पिस
  • 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने में जिनोम सिक्वेंसिंग हो सकता है सहायक
  • 77 हजार तकनीकि विशेषज्ञों पर सरकार ने किया है निवेश

नयी दिल्ली/भोपाल। भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस में स्वस्थ भारत (न्यास) के 8 वें वर्षगांठ पर तीन दिवसीय ‘स्वास्थ्य संसद 2023 का आयोजन हुआ। इस आयोजन में देश भर के स्वास्थ्य संचारक, विचारक एवं अकादमिक लोगों ने भाग लिया। तीन दिनों तक चले मैराथन अमृत-मंथन में अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर अमृत-चिंतन हुआ। इस चिंतन से निकले अमृत तत्व की पहली किस्त में आज आप पढिए हॉस्पिस, जबलपुर की संस्थापिका स्वामी ज्ञानेश्वरी दीदी एवं हैस्टेक एनालिटिक्स के सीओओ गौरव श्रीवास्तव के विचारों को। 

हास्पिस अस्पताल की संस्थापिका स्वामी ज्ञानेशवरी दीदी ने कहा कि, ‘अभाव में चलते हुए और हर दिन एक नई समस्या का सामना करते हुए भी भाई आशुतोष कुमार सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका एवं उनके साथियों ने स्वास्थ्य संसद के रूप में इतना बड़ा एक मंच तैयार किया है, जहां से आज भारत के आखिरी व्यक्ति के स्वास्थ्य समस्या के समाधान पर विचार और उपाय निकालने के लिए हम सभी यहां एकजुट हुए है।’ स्वामी ज्ञानेश्वरी दीदी ने आगे कहा कि, ‘उनके गुरु पूजनीय श्री बांवरा जी महाराज कहते थे कि मीडिया एक पुरोहित की तरह है। जैसे हर घर का पुरोहित होता है वो जो किसी कार्य और उत्सव के लिए दिन और तिथि बताता है और हम उस पर विश्वास करके मानते है। पत्रकार भी उसी पुरोहित की तरह हैं।’

उन्होंने अपने अस्पताल के बारे में बताते हुए कहा कि, हमारा अस्पताल कैसर पीड़ित उन मरीजों को समर्पित हैं जिन्हें डॉक्टर और परिजन भी त्याग देते हैं। यानी अंतिम घड़ी आने पर। यह अमेरिका और ब्रिटेन में काफी चलन में है। हमने 2013 में विराट हॉस्पिस शुरू की। अभी तक भारत में केवल 11 हॉस्पिस है जबकि आबादी 140 करोड़ से अधिक। हास्पिस के जिक्र का मकसद यह है कि मीडिया इस मंच से उठे ऐसी व्यवस्था पर भी सरकार का ध्यान खीचने में मदद करें। मीडिया को कृषि क्षेत्र पर भी फोकस करने की जरूरत है ताकि फसल उत्पादन में जानलेवा खाद का उपयोग बंद हो। ऐसे अन्न और सब्जियां या दूषित दूध का सेवन तो कैंसर की ही सौगात देगा। रोगमुक्त जीवन के लिए जरूरत जैविक खाद के प्रयोग की है।

जिनोम सिक्वेंसिंग के क्षेत्र में काम कर रही अग्रणी कंपनी हेस्टैक ऐनलिटिक्स, मुंबई के को फाउंडर गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि आयुष्मान भारत के संकल्प को पूरा करने में जिनोमिक्स तकनीक की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि देश में टीबी के निर्मूलन और उपचार के क्षेत्र में एडवांस जिनोमिक्स तकनीक लाखों मरीज़ों को सटीक उपचार की ओर ले जाने की क्षमता विकसित कर सकती है। पहले भी इसका लाभ हज़ारों मरीज़ों को मिल चुका है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके इनोवेटिव आइटी समाधान को ग्राहम बेल अवार्ड तथा स्टार्ट अप ऑफ द ईयर का सम्मान दिया जा चुका है।

उन्होंने आगे बताया कि यह तकनीक आने वाले सालों में जीनोम सीक्वेंस् का अध्ययन कर मरीज पर प्रभाव डालने वाले वायरस, बैक्टीरिया और बीमारी से कौन दवा बचायेगी और किस बीमारी में कौन ज्यादा कारगर होगी, का चुनाव करने में काफी कारगर साबित होगी। मसलन बैक्टीरिया जनित रोग टीबी में मरीज को 4 एंटीबॉयटिक खाने होते हैं। इसमें ज्यादातर मामलों में बैक्टीरिया तीन दवा के प्रति रीज़िस्टेंस पावर अर्जित कर लेता है। ऐसे में 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए यूके और यूएस में सफल हो चुकी जीनोम सीक्वेंस तकनीक को भारत में लॉन्च करके हेस्टैक एनलिटिक्स ने ना केवल सरकार के सपने को बल्कि आम जनता को भी सही इलाज दिलाने में कारगर पहल की है।

गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि, यह काफी हर्ष का विषय है कि भारत के स्वास्थ्य और तकनीक विकास की ओर पूरी दुनिया देख रही है। आने वाला समय भारत का और भारत की तकनीक का है। कोविड में भारत ने न केवल वैक्सीन बनायी बल्कि विकसित देशों में भी भेजी। भारत में लगभग 4000 स्टार्ट-अप ऐसे हैं जो नई तकनीक पर काम कर रहे है। सरकार ने पिछले 10 साल में 77  हजार लोकल तकनीकी विशेषज्ञों पर निवेश किया है। उम्मीद है कि भारत आने वाले 25 वर्षों में विश्व के स्वास्थ्य के लिए तकनीकी और हेल्थ केयर सर्विस में क्रांति लाने वाला देश बन जायेगा। तब भारत ही दुनिया को लीड करेगा।

इसके पूर्व स्वस्थ्य संसद के सभापति एवं एमसीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी.सुरेश, उपसभाति एस.के.राउत (से.नि. डीजीपी,मध्य प्रदेश), स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन एवं स्वास्थ्य संसद के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह, सी-20 समाजशाला के आउटरिच समन्वयक एवं वरिष्ठ विज्ञान संचारक डॉ.मनोज पटेरिया, स्वामी ज्ञानेश्वरी दीदी, गौरव श्रीवास्तव एवं अन्य गणमान्यों ने दीप प्रज्ज्वलन कर स्वास्थ्य संसद का उद्घाटन किया।

साभार –  श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव 

भोपाल, मध्यप्रदेश

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments