सूचनाएँ/Information – ☆ 16 वां बहुभाषी नाट्य महोत्सव – निर्णायक की कलम से – – ☆ श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी”
श्रीमति हेमलता मिश्र “मानवी “
(सुप्रसिद्ध, ओजस्वी,वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी” जी विगत ३७ वर्षों से साहित्य सेवायेँ प्रदान कर रहीं हैं एवं मंच संचालन, काव्य/नाट्य लेखन तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय स्तर पर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, कविता कहानी संग्रह निबंध संग्रह नाटक संग्रह प्रकाशित, तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद, दो पुस्तकों और एक ग्रंथ का संशोधन कार्य चल रहा है। आज प्रस्तुत है 16 वें बहुभाषी नाट्य महोत्सव में निर्णायक के रूप श्रीमती हेमलता मिश्रा जी के उदगार.)
☆ निर्णायक की कलम से -श्रीमती हेमलता मिश्रा “मानवी” ☆
विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन ,मोरभवन झांसीरानी चौक नागपुर और कला सागर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 16 वें बहुभाषी नाट्य महोत्सव में निर्णायक के रूप में पिछले छः दिनों के स्वर्गिक आनंद का अनुपम आस्वाद – – अवर्णनीय है
पूरे पंद्रह नाटक 200 से अधिक कलाकार और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सुधि जनों के साथ बड़े ही जोश उत्साह और जिज्ञासा से पूरित नाट्य महोत्सव का भव्य समापन समारोह अनेकानेक गौरवान्वित पलों के साथ संपन्न हुआ। मानो एक विशाल साहित्य महायज्ञ में अपने अपने हिस्से की समिधा समर्पित कर हर कलाकार चंदन की महकती खुशबू सा निरामय हो उठा— कला गौरव की गमकती यज्ञाग्नि में स्वयं की कला की समिधा अर्पण कर समाज ऋण – – देश ऋण और मानवीय ऋण चुका कर तृण कण सी निरागस नम्रता से पूरित हो गया– हर चेहरा प्रफुल्लित खिले पुष्प सा।
परिणाम की उत्सुकता अपनी जगह पर परंतु उल्लास हर चेहरे पर हिलोरें ले रहा। सुधि जनों, स्वनाम धन्य मनीषियों तथा महनीय अतिथियों का स्वागत– निर्णायक मंडल का सत्कार इत्यादि महनीय पलों का साक्षी बना विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन का प्रांगण और कला सागर का गरिमामय ग्रुप।
विशाल कला रसिक जनसमूह की उत्सुकता शांत हुई पुरस्कारों की घोषणा के साथ और नामों की घोषणा के पूर्व ही जनसमूह में से उठते स्वर – – – निर्णायक गणों के निर्णय को सही निर्णय की मुहर लगा देते।
कृतज्ञता ज्ञापन की पारंपरिक मगर दिली अदायगी के साथ विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन और कला सागर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सोलहवें बहु-भाषी नाट्य महोत्सव का समापन घोषित किया गया।
संपन्न हुआ एक चिरंजीवी महोत्सव एक शाश्वत आशीर्वाद के साथ – – – कि फिर मिलेंगे। आमीन।
© हेमलता मिश्र “मानवी ”
नागपुर, महाराष्ट्र