🕯 सूचना/Information 🕯

🪔 ई-अभिव्यक्ति – दीपावली विशेषांक -2024 रचनाएँ आमंत्रित 🪔

(आपके आत्मीय स्नेहनुसार अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 को शाम 7 बजे तक)

भारत में दीपावली नए पंचांग, घर बाहर साफ सफाई, भांति-भांति के व्यंजन, रंगोली, उत्सव के लिए जानी जाती है। परिवारजन इस अवसर पर देश-विदेश से घर आते हैं।

साहित्य में पत्र-पत्रिकाएं दीपावली विशेषांक प्रकाशित करते हैं।

ई-अभिव्यक्ति मे हम पिछली दो दीपावली पर विशेषांक प्रकाशित कर चुके हैं, जिनकी चर्चा वैश्विक स्तर पर हुई।

आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत है  ई-अभिव्यक्ति – दीपावली अंक 2023 

प्रत्येक साहित्यकार का स्वप्न होता है कि उनका सर्वश्रेष्ठ साहित्य, दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हो और प्रबुद्ध पाठक भी दिवाली के अंक का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

सुधि पाठक दीपावली अंक संदर्भ के लिए संजो कर रखते हैं। हमें प्रसन्नता है कि ई-अभिव्यक्ति ने इस वर्ष भी ऐसे ही स्तरीय दीपावली विशेषांक के प्रकाशन का निर्णय लिया है।

साहित्यकारों से अनुरोध है कि वे अपनी सर्वश्रेष्ठ अप्रकाशित रचनाएं इस विशेषांक हेतु प्रेषित कर इस साहित्यिक कार्य को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें:

साहित्यिक सामग्री भेजते समय कृपया निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखें:

  1. दिवाली अंक ई-बुक फॉर्मेट में प्रकाशित किया जाएगा।
  2. किसी एक साहित्यिक विधा की केवल एक रचना भेजी जाये ताकि अधिक से अधिक साहित्यकारों को अवसर दिया जा सके।
  3. साहित्यिक विधाओं में कथा-कहानी, कविता, व्यंग्य, लघुकथा, ललित लेख, साहित्यिक समीक्षा स्वीकार की जावेगी।
  4. कविता में अधिकतम 20 पंक्तियां होनी चाहिए। अन्य सभी साहित्यिक विधाओं में साहित्य अधिकतम 1500 शब्दों तक होना चाहिए। सभी सामग्री वर्ड फॉर्मेट में या श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के व्हाट्स एप्प 7000375798 पर अथवा ईमेल [email protected] पर प्रेषित कीजिये। सब्जेक्ट लाइन में दीपावली विशेषांक लिखा जाना चाहिए।
  5. साहित्य मौलिक और अप्रकाशित होना चाहिए. यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि सामग्री को दिवाली के अंक के लिए भेजा जा रहा है।
  6. संपादक मण्डल का निर्णय अंतिम होगा।
  7. तकनीकी कारणों से दिवाली के अंक में शामिल नहीं किए गए स्तरीय साहित्य को ई-अभिव्यक्ति के दैनिक अंक में लिया जाएगा।
  8. 30 सितंबर 2024 को शाम 7 बजे तक अपनी सामग्री हमें भेजें। कृपया ध्यान दें कि उसके बाद प्राप्त साहित्य को दिवाली के अंक में लेना संभव नहीं होगा।
  9. यह सेवा नि:शुल्क है. साहित्यकार को कोई मानदेय नहीं दिया जा सकेगा।
  10. अनुरोध है कि प्रकाशनार्थ साहित्य धार्मिक, राजनीतिक या किसी अन्य विवादास्पद विषय से संबन्धित नहीं होना चाहिए तथा सामाजिक समरसता भंग न हो, इसका ध्यान रखा जाए।

आप इस निवेदन की जानकारी अन्य साहित्यकारों और समूहों को भेज सकते हैं।

आइए सभी के सहयोग से सामाजिक समरसता और स्तरीय साहित्य को साझा कर दीपावली की खुशियों को दुगुना कर दें।

ई-अभिव्यक्ति – संपादक मंडल

संपादकश्री हेमन्त बावनकर

संपादक हिन्दी श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, श्री जय प्रकाश पाण्डेय,  संपादक अंग्रेजीकैप्टन प्रवीण रघुवंशी 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर / संपादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल / श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर / संपादक (अंग्रेजी) कैप्टन प्रवीण रघुवंशी

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