डॉ राजकुमार शर्मा का साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है, एक समर्पित समाजसेवी के रूप में उनकी सेवा सराहनीय है – केशरीनाथ त्रिपाठी

हिन्दुस्तानी एकेडमी के सभागार में शनिवार को साहित्यकार, पत्रकार डाॅ0 राजकुमार शर्मा केंद्रित ‘‘नूतन कहानियां’’ पत्रिका का विमोचन व डाॅ0 शर्मा जी का सम्मान किया गया। प्रयागराज से वर्ष 1976  में प्रकाशन प्रारम्भ करने वाली नूतन कहानियां मासिक पत्रिका को साहित्य की पत्रिका के रूप में रूपांतरित करते हुए लखनऊ के ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने प्रयागराज के वरिष्ठ, वयोवृद्ध साहित्यकार लेखक डॉ राजकुमार शर्मा पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित करते हुए एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। डॉ शर्मा के साहित्यिक योगदान को स्मरणीय बनाने में इस विशेषांक की महत्वपूर्ण भूमिका है जो भविष्य में उल्लेखनीय रहेगी। पत्रिका में सम्मिलित डॉ राजेन्द्र कुमार, डॉ जय कुमार जलज, श्री शैवाल सत्यार्थी, डॉ पूर्णिमा मालवीय आदि के लेखों ने उनकी साहित्यिक यात्रा को जिस तरह से रेखांकित किया है वह सराहनीय है। पत्रिका के विमोचन समारोह में बोलते हुये पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने ये बातें कहीं। त्रिपाठी जी ने शर्मा जी के व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे सदैव समर्पित भाव से बिना अपने गंतव्य की चिंता किये अनथक परिश्रम करते रहे। उन्होंने राजकुमार जी को पूर्णायु प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने इस मौके पर डॉ शर्मा के साहित्यिक जीवन की चर्चा करते हुए जल्दी ही हिंदुस्तानी एकेडमी की तरफ से उनका भव्य सम्मान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमें यह जानकारी नहीं थी, नूतन कहानियों के सम्पादक सुरेन्द्र अग्निहोत्री जी को अनेक साधुवाद कि उन्होंने हमारा परिचय एक वयोवृद्ध साहित्यकार से कराया।उन्होंने पुनः जल्दी ही उनका सम्मान करने की बात कही।

दूरदर्शन के पूर्व निदेशक श्री श्याम विद्यार्थी जी ने राजकुमार जी को एक सीधा सच्चा और सरल इंसान बताते हुए एक संस्मरण सुनाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अनेक लोगों को साहित्यकार बनाया पर जब मैने उनका साक्षात्कार दूरदर्शन पर प्रसारित करने की बात कही तो वे स्वयं कभी नहीं आए, हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाया। उनके जैसा व्यक्तित्व आज के समय में मिलना दुर्लभ है। उन्होंने डाॅ0 राज कुमार शर्मा जी के साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री शर्मा जी जीवन से जुड़ी हुई यह नूतन कहानियों का संग्रह है, इसके लिए पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री अशोक भटनागर बधाई के पात्र है। उन्होंने साहित्य, कवि, नाटककार व पत्रकार के रूप में अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने ने भी शर्मा जी के शतायु होने की कामना की।

साइंस फैकेल्टी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो अनीता गोपेश ने अपने प्रिय चाचा जी के रूप में उनको याद करते हुए इनके जीवन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का सुंदर सफल संचालन लखनऊ से आए श्री प्रेमशंकर अवस्थी जी ने किया।इस मौके पर प्रयागराज के अनेक लेखक पत्रकार तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस अवसर पर पूर्णिमा मालवीय की पुस्तक कौस्तुभ मणि का विमोचन श्री केशरीनाथ त्रिपाठी जी ने किया।। इस अवसर पर अनीता गोपेश, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, विजय लक्ष्मी विभा, शारदा पांडेय, मधु भटनागर, आदि रहे।

साभार – श्री डी के मिश्रा

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए डॉ राजकुमार शर्मा जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय 

 

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