डॉ अखिलेश गुमाश्ता
☆ जन्म दिवस विशेष – 27 अगस्त – डॉ अखिलेश गुमाश्ता (धार्मिक-आध्यात्मिक चिंतक, लेखक चिकित्सक) ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆
श्री प्रतुल श्रीवास्तव
(श्री प्रतुल श्रीवास्तव जी ने विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों के जन्मदिवस पर विशेष आलेख रचित करने का स्तुत्य कार्य प्रारम्भ किया हैं, इस विशेष कार्य के लिए उन्हें साधुवाद। आज प्रस्तुत है डॉ अखिलेश गुमाश्ता जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में विशेष आलेख। )
डॉ अखिलेश गुमाश्ता (धार्मिक-आध्यात्मिक चिंतक, लेखक चिकित्सक)
नगर की धार्मिक-आध्यात्मिक बैठकों, सभाओं और महोत्सवों में अथवा धार्मिक-आध्यात्मिक क्षेत्र की विभूतियों के सत्संग में यदि आपको कोई सामान्य कद-काठी, गौर वर्ण, बेचैन तबियत, गहरी आंखों तथा तेज और आत्मविश्वास से दमकते चेहरे से परिपूर्ण व्यक्ति नजर आए तो आप बिना किसी दुविधा के समझ लें कि आप हिन्दू धर्म पर असीम आस्था रखने वाले सुप्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अखिलेश गुमाश्ता से रूबरू हैं। डॉ. गुमाश्ता समर्पित, सुयोग्य आदर्श नागरिक और भारतीय धार्मिक व सांस्कृतिक सत्ता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्व पटल पर रखने वाले गंभीर चिकित्सक हैं।
छिंदवाड़ा नगर में जन्में उज्जैन के सांदीपनि आश्रम विद्यालय से लेकर भोपाल – रीवा से मेडिकल विज्ञान की सर्वोच्च शिक्षा की उपाधि पाने में इन्होंने अपनी मेधाविता का परिचय दिया। आपकी आध्यात्मिक दीक्षा बेलूड मठ, कलकत्ता एवम् पवार बाबा से हुई l विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के वे सक्रिय पदाधिकारी हैं l
डॉ. अखिलेश गुमाश्ता की धार्मिक-आध्यात्मिक, साहित्यिक एवं संगठनात्मक प्रतिभा के दर्शन उनके छात्र जीवन में ही होने लगे थे। अध्ययन पूर्ण करने के उपरांत इन्होने देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में सेवाएं देते हुए आधुनिक शल्य चिकित्सा का व्यवहारिक अनुभव प्राप्त किया। माँ नर्मदा पर असीम आस्था रखने वाले अखिलेश जी का मन बेचैन हो रहा था माँ की छ्त्र छाया के लिए। उन्होंने जबलपुर को कर्मक्षेत्र के रूप में चुना और 1997 से नेशनल हॉस्पिटल में अस्थिरोग विशेषज्ञ के रूप में सम्पूर्ण महाकौशल क्षेत्र को अमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। गुमाश्ता जी को जबलपुर में प्रथम बार पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण करने का गौरव प्राप्त है। वे अब तक सैकडों रोगियों के घुटनों, कूल्हों का प्रत्यारोपण तथा अन्य सफल ऑपरेशन कर मरीजों को लाभान्वित कर चुके हैं।
डॉ. गुमाश्ता को राज्य व राष्ट्र स्तरीय अर्थोपेडिक सम्मेलनों में उनके विशिष्ट कार्यों और शोध पत्रों पर अनेक पुरस्कार व स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने एक विशेष सत्र में 100 से अधिक विकलांगों का निःशुल्क सफल ऑपरेशन कर रिकार्ड बनाया। लायंस क्लब इंटरनेशनल ने इसके लिए सेवा सम्मान प्रदान किया l रामायण पर उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय तुलसी अवार्ड मिला तथा जबलपुर नगर निगम एवं महापौर के द्वारा 2011 में डॉ गुमाश्ता का नागरिक अभिनंदन किया गया l
डॉ गुमाश्ता नगर, प्रदेश और देश की अनेक साहित्यिक, सामाजिक, आध्यात्मिक एवं क्रीड़ा संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य के रूप में सक्रिय हैं। आपके प्रयासों से नर्मदा तट भेड़ाघाट में “ओंकार ध्यान केंद्र” का निर्माण हुआ। जबलपुर में योग गुरु बाबा रामदेव का l सप्त दिवसीय शिविर 2006 में सम्पन्न हुआ। डॉ. गुमाश्ता इसके आयोजन सचिव थे l
साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी के मार्गदर्शन में ब्रह्मर्षि मिशन समिति के विभिन्न प्रकल्पों में सचिव के रूप में ये कार्य कर रहे हैं। 2013 में जबलपुर में “विराट हॉस्पिस” प्रारंभ हुआ। इसका उद्देश्य कैंसर के अंतिम अवस्था में पहुंचे मरीजों की निशुल्क सेवा और उपचार है, अब तक 1500 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। गुमाश्ता जी भी यहां निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं । आपने रामायण महोत्सव के अंतर्गत 14 वर्षों तक स्वामी राजेश्वरानंद जी के विशिष्ट प्रवचन नगरवासियों को सुनवाए। दो बार वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस का आयोजन कराया।
डॉ. गुमाश्ता द्वारा लिखी गई अनेक पुस्तकों की विश्वव्यापी चर्चा हुई इनमें से प्रमुख हैं- रामायण द हिम्स आफ हिमालया, नश्तर से लिखी डायरी (एक चिकित्सक की), स्याह इतिहास, उमा-शिव विवाह। “हाइकू गीता” इनकी नई रचना है lइसमें 2600 अति लघु कविताओं में गीता के श्लोकों का विश्लेषण है। इस ग्रंथ का विमोचन कुरुक्षेत्र में स्वामी अवधेशानन्द, स्वामी ज्ञानानन्द एवं रामदेव बाबा एवं राज्यपाल बंगारू जी द्वारा गीता जयंती के अवसर पर किया गया lआपके द्वारा किया गया रामचरित मानस का अँग्रेजी में गायन योग्य अनुवाद प्ले स्टोर में चर्चित है।
डॉ अखिलेश गुमाश्ता जैसे चिंतक, सेवाभावी चिकित्सक की साधना एवं कर्मभूमि जबलपुर है यह संस्कारधानी वासियों के लिए गौरव की बात है। आज 27 अगस्त को डॉ. गुमाश्ता के जन्म दिवस पर उनके सभी मित्रों, परिचितों, प्रशंसकों की ओर से उन्हें बधाई। शुभकामनाएं।
श्री प्रतुल श्रीवास्तव
जबलपुर, मध्यप्रदेश
आज 18 अगस्त को शब्दर्षि आचार्य भगवत दुबे जी के जन्म दिवस पर उनके सभी मित्रों, परिचितों, शुभचिंतकों, प्रशंसकों एवं ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से उन्हें बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
Thanks pratulji, vivek ranjanji, shekatkarji, vaamankarji , mahesh mehdele ji ,Arunji and all the team