पद्मश्री इरफ़ान खान

जन्म – 7 जनवरी 1967, जयपुर

मृत्यु – 29 अप्रैल 2020, कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट, मुंबई

श्री वसंत काशीकर,  वरिष्ठ  रंगकर्मी, जबलपुर  

? कम शब्दों में बहुत कुछ कहने वाले एक बेहतरीन अभिनेता को इस जहां ने खो दिया  ?

“ज़िंदगी में अचानक कुछ ऐसा हो जाता है, जो आपको आगे लेकर जाता है। मेरी ज़िंदगी के पिछले कुछ दिन ऐसे ही रहे हैं। मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी हुई है. लेकिन, मेरे आसपास मौजूद लोगों के प्यार और ताक़त ने मुझमें उम्मीद जगाई है।”– यह ट्वीट किया था इरफान खान ने दो साल पहले मार्च 2018 में जब उन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता चला था।

कम शब्दों में बहुत कुछ कहने वाले, उम्दा अभिनय कर दर्शकों का दिल जीतने वाले एक बेहतरीन अभिनेता, इस जहां से खो गया। पर उसका अभिनय और यादें हमेशा मौजूद रहेंगी।

इरफान खान ने लीक से हटकर काम किया। गुलज़ार के तहरीर सीरियल से लेकर इंग्लिश मीडियम तक हर किरदार में इरफान ने अपना लोहा मनवाया है। उनके चाहने वालों के लिए बेहद दु:खद धक्का पहुंचाने वाली खबर है।

अभी तो सफ़र शुरू हुआ था और अचानक विराम लग गया। उम्र भी ज्यादा नहीं थी। 53 साल कोई मरने की उम्र है।

इस दौर में जब रोज मरने वालों की खबरें नहीं आंकड़े आ रहे हैं, फिर भी प्रिय अभिनेता का इस तरह अचानक गुज़र जाना स्तब्ध करता है। अभी कुछ दिनों पहले जयपुर में मां का निधन हो गया और लाॅकडाउन के चलते मां की अंतिम यात्रा में इरफान नहीं शरीक हो पाये और परसों खबर मिली कि तबियत बिगड़ने की वजह से इरफान को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती किया गया है।

आज कला की दुनिया ने एक बेहतर कलाकार खो दिया है।

 सादर श्रद्धांजलि 

– वसंत काशीकर, वरिष्ठ रंगकर्मी, जबलपुर 

श्री सुरेश पटवा, वरिष्ठ लेखक, भोपाल

☆  इरफ़ान खान दिवंगत ☆ 

इरफान अली खान का जन्म राजस्थान के एक मुस्लिम परिवार में बेगम खान और जगदीर खान के घर पर हुआ था। उनके माता पता टोंक जिले के पास खजुरिया गाँव से थे और टायर का कारोबार चलाते थे। इरफान और उनके अच्छे दोस्त सतीश शर्मा क्रिकेट खेलते थे तथा बाद में, उन्हें साथ में सीके नायडू टूर्नामेंट के लिए 23 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों हेतु प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखने के लिए चुना गया था। धन की कमी के कारण वे टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए नहीं पहुँच सके।

उन्होंने 1984 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति अर्जित की और वहीँ से अभिनय में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इरफ़ान हिन्दी अंग्रेजी फ़िल्मों व टेलीविजन के एक कुशलअभिनेता रहे हैं। उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया। हासिल फिल्म के लिये उन्हे वर्ष 2004 का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वे बालीवुड की 30 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं। 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया  60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया।

इरफ़ान खान का निधन 29 अप्रेल को मुम्बई की कोकीलाबेन अस्पताल में हुआ था, जहाँ वे ट्यूमर के संक्रमण से भर्ती थे। वर्ष 2018 में उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (अंत:स्रावी ट्यूमर) का पता चला था, जिसके बाद वे एक साल के लिए ब्रिटेन में इलाज हेतु रहे। एक वर्ष की राहत के बाद वे पुनः कोलोन संक्रमण की शिकायत के कारण मुम्बई में भर्ती हुए। इस बीच उन्होंने अपनी फ़िल्म अंग्रेज़ी मीडियम की शूटिंग की, जो उनकी अंतिम फिल्म थी। उन्हें अंत:स्रावी कैंसर था, जोकि हॉर्मोन-उत्पादक कोशिकाओं का एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है।

2008 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार – लाइफ़ इन अ… मेट्रो

2004 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार – हासिल 

 कलाकार को विनम्र श्रद्धांजली

– सुरेश पटवा, सुप्रसिद्ध लेखक एवं फिल्मों के स्वर्णिम युग के शोध कर्ता, भोपाल 

 

श्री अनिमेष श्रीवास्तव, वरिष्ठ रंगकर्मी, भोपाल

? तुम कहीं नहीं जा सकते ….अभिनेता…. ?

मेरे लिए तुम्हारा जाना ऐसा है जैसे कोई नाराज़ हो कर, बिना बताए मेरे बहुत पास से उठ चला गया हो।

तुम कहीं नहीं जा सकते हो अभिनेता.. जानता हूँ कि मुझे खिजाने के लिए कोई स्वांग कर रहे हो.. पर बता दूं इस बार अपने अभिनय में जान नहीं डाल पाये तुम।

मरने का अभिनय करने के लिए मरा नहीं जाता है दोस्त..

चलो अब खेल बहुत हुआ वापस आ जाओ। तुम्हारी इस हरक़त से कोई नाराज़ नहीं होगा और ना ही तुम्हे कुछ बोलेगा।

जल्दी आ जाओ हम इंतज़ार कर रहे हैं मित्र..

आओ और अपनी किसी फिल्म के माध्यम से हमें रिझाओ, मनाओ, रुलाओ, घमकाओ, गरियाओ, गिड़गिड़ाओ, हंसाओ, बहकाओ, समझाओ, बतियाओ..

आओ चले आओ कि हम तुम्हे खूब याद कर रहे हैं..

विनम्र श्रद्धांजलि

– अनिमेष श्रीवास्तव, वरिष्ठ रंगकर्मी, भोपाल 

 

लंबे समय तक कैंसर से लड़ते लड़ते आखिर मशहूर अभिनेता  पदमश्री प्राप्त  इरफ़ान  खान असमय में  सिर्फ 53 वर्ष की उम्र में हम सब को अलविदा कह गए। ई-अभिव्यक्ति परिवार की और से विनम्र श्रद्धांजलि – विनम्र श्रद्धांजलि

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