श्री संतोष नेमा “संतोष”
(आदरणीय श्री संतोष नेमा जी कवितायें, व्यंग्य, गजल, दोहे, मुक्तक आदि विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं. धार्मिक एवं सामाजिक संस्कार आपको विरासत में मिले हैं. आपके पिताजी स्वर्गीय देवी चरण नेमा जी ने कई भजन और आरतियाँ लिखीं थीं, जिनका प्रकाशन भी हुआ है. 1982 से आप डाक विभाग में कार्यरत हैं. आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप कई सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत हैं. “साप्ताहिक स्तम्भ – इंद्रधनुष” की अगली कड़ी में प्रस्तुत है श्री संतोष नेमा जी की श्री रामनवमी पर विशेष रचना “राम-नाम अभिराम ”। आप श्री संतोष नेमा जी की रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार आत्मसात कर सकते हैं . )
☆ साहित्यिक स्तम्भ – इंद्रधनुष # 32 ☆
☆ श्री रामनवमी विशेष – राम-नाम अभिराम ☆
चैत्र शुक्ल नवमी सुदी,लिये राम अवतार
राजा दशरथ के हुये,स्वप्न सभी साकार
रामचरित मानस लिखी,शुभ मुहूर्त शुरुआत
बाबा तुलसी दे गये, यह सुंदर सौगात
राम नाम के मंत्र का, करिये निशदिन जाप
उनके सुमिरन से मिटें, जग के सारे ताप
अविनाशी व्यापक परम्, सत्य चेतनानन्द
मणि दीपक प्रभु आप ही, राम परम आनन्द
राम भरोसे जग चले,व ही जीवनाधार
शरणागत का राम ही, करते बेड़ापार
हरते सारी व्याधियाँ, वैद्य जगत के राम
रामबाण औषधि परम्, राम-नाम अभिराम
राम नाम से जागता, अंदर का विश्वास
आत्मशक्ति बढ़ती सदा, नव जीवन की आस
पाप ताप विपदा हरे, सदा राम का नाम
जीवन सुखमय है वही, मन में जिसके राम
राम-शरण “संतोष”प्रभु, राम-नाम धन धाम
चरण वंदना आपकी, करते हम श्रीराम
© संतोष कुमार नेमा “संतोष”
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