श्री प्रदीप शर्मा

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “शेर और शेर दिल”।)  

? अभी अभी # 123 ⇒ शेर और शेर दिल? श्री प्रदीप शर्मा  ? 

 

शेर तो खैर जंगल का राजा है, और उसका दिल शेर का दिल ही कहलाएगा। हर इंसान जो शेर दिल होता है, किसी राजा से कम नहीं होता। एक शायर भले ही शेर कहता हो, लेकिन उसका दिल कभी शेर दिल नहीं होता। जिसका दिल बार बार टूटे, उसे आप शेर दिल नहीं कह सकते।

शेर दिल को आप दरिया दिल तो कह सकते हैं, लेकिन kind hearted, यानी दयालु नहीं कह सकते। जो आसानी से पिघल जाए, वह कैसा दिल। जिसका दिल दरिया दिल के साथ मजबूत भी हो, वही शेर दिल कहलाने का अधिकारी होता है।

बहादुर बच्चे गिरने पर रोते नहीं, किसी से मार खाने पर घर आकर मम्मी से शिकायत नहीं करते। पूरा हिसाब बराबर करने के बाद ही विजयी मुस्कान लिए घर लौटते हैं, और उनके घर लौटने के पहले ही उनकी बहादुरी के किस्से घर पहुंच जाते हैं। ऐसे होते हैं शेर बच्चे। ।

शेर का दिल किसी बच्चे का दिल नहीं होता। एक शायर दिवाना हो सकता है, एक शेर का दीवानगी से क्या काम। हमने नहीं सुना, किसी शेर ने कभी किसी को दिल दिया हो। एक मदारी भले ही पब्लिक में बंदर बंदरिया को रस्सी से बांधकर नचा ले, उनकी शादी करा दे, सर्कस में भी शेर, शेर ही होता है। उसे नचाने के लिए भी हंटर की जरूरत पड़ती है। वैसे असली शेर आजकल जंगल में नहीं संसद में दहाड़ते हैं, जिनकी दहाड़ आज तक में भी सुनी जा सकती है।

कल विश्व शेर दिवस था। हम जंगल तो नहीं जा पाए, लेकिन संसद में कल एक शेर दो घंटे तेरह मिनिट तक दहाड़ा, किसी भी शेर का यह विश्व रेकॉर्ड है। मैने देखा, उसने देखा, सबने देखा, कहां देखा, टीवी पर देखा, अपने मोबाइल में देखा। ।

एक शायर बदनाम हो सकता है, लेकिन उसके शेर का भी बहुत नाम होता है। शेर कभी चरित्रहीन नहीं होते, कोई सुंदर हिरनी कभी उसे अपने जाल में नहीं फांस सकती। वह शेर दिल होता है, दिल फेंक नहीं। वह किसी को दिल नहीं देता, उसका कलेजा चीर देता है।

हमने कभी शेर को घास खाते नहीं देखा। गुजरात के गिर में कुछ सफेद शेर होते हैं, जो खेतों में भी घूमते पाए जाते हैं, एक खोजी फोटोग्राफर का तो यह भी कहना है कि ये सफेद शेर इतने शांत होते हैं कि इन्हें वहां मशरूम भी

खाते देखा गया है। हमारे कल के एंग्री यग मैन महानायक और आज के शेर दिल, केबीसी के बिग बी आपको यदा कदा गुजरात आने का निमंत्रण दिया करते हैं। ।

अगर आपकी वास्तविक शेर में रुचि हो तो जंगल में नहीं, भारतीय संसद में जाएं, जहां एक अकेला सब पर भारी है और अगर आपकी रुचि शेर दिलों में है तो हमारे पंजाब आइए। यहां आपको शेर, सिंह, सभी मिलेंगे।

जितने शेर आज जंगल में नहीं हैं, उतने सिंह हमारे अकेले पंजाब में हैं और सभी जाबांज, शेरदिल। यहां के सभी सिंह आपको भांगड़ा करते नजर आएंगे। ये सभी सिंह जंगल में मंगल ही करते हैं, दंगल नहीं। अगर ये सिंह गुरुद्वारे में शीश नवाते हैं तो मुल्क के लिए अपना शीश कटाते भी हैं। इनके राज में कोई प्राणी भूखा नहीं सोता, इनका लंगर सबके लिए है। सेवा ही इनकी सीख है, समर्पण ही इनकी सीख है, बलिदान ही इनकी सीख है, मुल्क की रक्षा ही इनकी सबसे बड़ी सीख है। ।

जो निर्भय है, निडर है, अपने मुल्क की रक्षा में सक्षम है, वही सच्चा शेर है। आज शेर दिल लायंस क्लब में नहीं, बहादुर इंसानों में पाये जाते हैं, जो खुद भी चैन से रहते हैं, और सबके अमन चैन की चिंता करते हैं। शेर बनें, शेर दिल बनें, भीगी बिल्ली नहीं ..!!

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© श्री प्रदीप शर्मा

संपर्क – १०१, साहिल रिजेंसी, रोबोट स्क्वायर, MR 9, इंदौर

मो 8319180002

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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