श्री प्रदीप शर्मा

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “बड़े दिन का दर्द।)

?अभी अभी # 561 ⇒ बड़े दिन का दर्द…  ? श्री प्रदीप शर्मा  ?

अभी जाड़े का वर्ष का सबसे छोटा दिन गुज़र गया। बड़ा दिन भी करीब है। लेकिन मेरा दिल बहुत छोटा होता जा रहा है। न जाने क्यों हम छोटे दिनों को बड़ा दिन कहते हैं। छोटे दिल वाले होते हुए भी बड़े दिल वाला होने का नाटक करते हैं।

दिन का लंबा होना और छोटा होना तो समझा जा सकता है ! गर्मी में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं और सर्दियों में दिन छोटे और रातें बड़ी हुआ करती हैं। लेकिन इंसान का दिल एक ही शक्ल का होता है, न बड़ा न छोटा। फिर भी किसी को बड़े दिल वाला और किसी को तंग दिल इंसान भी कहा जाता है।।

दिल पर या तो शायरी होती है या फिर डॉक्टर की रिसर्च ! दिन भर बहस हो सकती है, लेकिन दिन पर हम बातें कम ही करते हैं। दिल पर दिन भर बातें हो सकती हैं, लेकिन दिन पर हमने कभी दिल भर के बातें शायद ही कभी की हों।

दिल का दर्द रात को भी उठ सकता है। दिन के दर्द पर शायद ही किसी ने रात भर चर्चा की हो। सभी जानते हैं दिल की ही तरह, दिन भी सिर्फ बड़ा-छोटा ही नहीं, अच्छा-बुरा होता है। कहने वाले तो यहाँ तक कह गए, कि दिन बुरे होते हैं, हालात बुरे होते हैं, आदमी तो बुरा नहीं होता।।

आप मानें या न मानें ! खुश हों, या न हों। बड़ा दिन तो आकर ही रहेगा। आपके दिन अच्छे चल रहे हों, या बुरे। दिल में आपके उत्साह, उमंग हो, या न हो। आप दिन को बड़ा मानते हों या न हों। 25 दिसंबर तो बड़ा दिन है, और बड़ा ही रहेगा। कल ही किसी ने मुझे marry Christmas कह दिया। अंग्रेज़ी में marry और merry बहुत कंफ्यूज करते हैं। मैंने फिर भी उन्हें धन्यवाद दे दिया।

एक हफ्ते बड़े दिनों की छुट्टी रहती है। महानगर की होटलें और मॉल्स दिन रात जगमगाएँगे। लोग हँसेंगे, नाचेंगे, खुशियाँ मनाएंगे। जो बड़े दिन को अपना दिन नहीं मानते, वे दिल मसोसकर रह जाएँगे। सबकी खुशी में जो खुश रहना सीख लेते हैं, जिनका दिल उदार है, बड़ा है, वे ही बड़ा दिन मनाएंगे।।

मैं भी अपने दिल के दर्द को छुपाकर, बड़े दिल वाला बनकर, बड़े दिन का स्वागत करूँगा। Merry x-mas ! सबको बड़ा दिन, दिल से मुबारक …!!!

♥ ♥ ♥ ♥ ♥

© श्री प्रदीप शर्मा

संपर्क – १०१, साहिल रिजेंसी, रोबोट स्क्वायर, MR 9, इंदौर

मो 8319180002

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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