श्री कमलेश भारतीय 

(जन्म – 17 जनवरी, 1952 ( होशियारपुर, पंजाब)  शिक्षा-  एम ए हिंदी, बी एड, प्रभाकर (स्वर्ण पदक)। प्रकाशन – अब तक ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित । कथा संग्रह – 6 और लघुकथा संग्रह- 4 । ‘यादों की धरोहर’ हिंदी के विशिष्ट रचनाकारों के इंटरव्यूज का संकलन। कथा संग्रह – ‘एक संवाददाता की डायरी’ को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिला पुरस्कार । हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार। पंजाब भाषा विभाग से  कथा संग्रह- महक से ऊपर को वर्ष की सर्वोत्तम कथा कृति का पुरस्कार । हरियाणा ग्रंथ अकादमी के तीन वर्ष तक उपाध्यक्ष । दैनिक ट्रिब्यून से प्रिंसिपल रिपोर्टर के रूप में सेवानिवृत। सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता)

☆ आलेख ☆ नींद क्यों रात भर नहीं आती? ☆ श्री कमलेश भारतीय ☆

यह एक उम्र का बहुत बड़ा सवाल बन जाता है कि नींद क्यों रात भर नहीं आती ? और अगर पूरी नींद ले भी ली और फिर भी उठने के बाद आप फ्रेश महसूस नहीं करते तो यह भी एक समस्या से कम नहीं है! आठ घंटे की भरपूर नींद के बाद भी थके थके से क्यों? इसे ताज़गी न देने वाली नींद कहा जाता है। यदि अक्सर आप ऐसा ही महसूस करते हैं तो यह खतरे की घंटी से कम नहीं! आपको अलर्ट होने की जरूरत है।

न्यूरोलोजिस्ट डाॅ सोनजा कहती हैं कि हर सुबह थका हुआ जागना निराशाजनक है आपके लिए! यह आपकी पूरी दिनचर्या को बिगाड़ सकता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार  लाने और सुबह तरोताज़ा होने पर विचार कीजिये, कोई उपाय कीजिये! यदि आप लगातार नींद कम आने से जूझ रहे हैं तो अपनी आदतों की ओर ध्यान दीजिये और एक ही समय पर सोना, दिन के समय भरपूर काम और खानपान की ओर ध्यान दीजिये! लक्ष्य रखे़ं और उन्हें पूरा करने पर ध्यान केंद्रित रखिये! प्रतिदिन सुबह कम से कम बीस मिनट की सैर अपनी सुबह में शामिल कर लीजिए! अपनी दिनचर्या पहले से निर्धारित कर लीजिए तो और बेहतर रहेगा! देर रात  जागना या रात का खाना देरी से खाना भी नींद में बाधा बन सकता है। नींद की ज्यादा दवाइयां लेने से बचिये तो बेहतर रहेगा आपके लिए! पानी बीच बीच में पीते रहिये! निष्क्रिय न रहिये, कुछ न कुछ काम ढूंढते रहिये तो अच्छा रहेगा!

बाकी कहते हैं कि धीमा धीमा संगीत और बहुत डिम सी रोशनी में भी नींद आपको अपनी आगोश में लेते देर नहीं लगाती। अच्छा साहित्य भी साथ दे सकता है नींद लाने में। मनपसंद संगीत सुनिये और फिर मस्त मस्त नींद ही नहीं ख्बाब लीजिए! सपनों में वे भी आयेंगे, जिनको आप दिनभर याद करते रहे हैं! बस, यह शिकायत न कीजिये:

नींद क्यों रात भर आती नहीं?

© श्री कमलेश भारतीय

पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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