डाॅ. मीना श्रीवास्तव

☆ आलेख – प्रभात बेला के रंग – भाग-2 – लेखक- श्री विश्वास देशपांडे ☆ भावानुवाद – डॉ. मीना श्रीवास्तव ☆

(महानायक श्री अमिताभ बच्चन जी के जन्मदिवस 11 अक्तूबर पर विशेष)

श्री विश्वास देशपांडे

चलिए, आज थोड़ा मुस्कुराते हैं – महानायक बीमार पड़ते हैं तब की बात बताऊँ…

कुछ देर बाद अमरीश पुरी वहाँ पहुंचते हैं। उनकी भारी भरकम आवाज गेट के बाहर से ही सुनी जा सकती है। तभी अस्पताल के रिसेप्शन काउंटर पर कोई उनका पहचान पत्र मांगता है।

बस फिर क्या था, पुरी साहब बरस पड़ते हैं, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? मुझसे मेरा ही पहचान पत्र मांग रहे हो? खबरदार, अगर किसीने भी मुझे रोकने की कोशिश की तो!” हर कोई डर के मारे किनारे हट जाता है। अमरीश पुरी सीधे बेखटके अमिताभ के कमरे में दाखिल होते हैं। अपनी तराशी हुई कर्कश आवाज में बड़ी बड़ी ऑंखें और फैलाते हुए अमिताभ से पूछते हैं, “ऐसे ऑंखें फाड फाड कर क्या देख रहे हो? क्या मैं तुम्हें मिलने नहीं आ सकता? देखो, इस वक्त तुम बीमार हो। ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ ये डायलॉग तो यहाँ चलेगा नहीं ना। मैं तुम्हें बस एक हफ्ते की मोहलत और देता हूँ। इस बीच अगर तुम ठीक नही हुए, तो मुझे ही कुछ करना पडेगा।” 

उनके निकलने की देर थी कि, प्रवेश द्वार पर आगमन होता है अभिनेत्री रेखा का। अरे यह क्या देखने में आ रहा है? उसके हाथ में सामान से लदे दो झोले नजर आ रहे हैं। रेखा के आने के बाद सभी ने उसका बड़े ही सलीक़े से स्वागत किया। डॉक्टरसाहब रेखा से पूछते हैं, “मैडमजी, क्या आपको जया भाभी और ऐश्वर्या से मिलना है?”‘

रेखा अपनी खनकती आवाज में जवाब देती है, “जी नहीं डाक्टरबाबू, उनसे तो मैं बाद में मिलूंगी। मुझे सबसे पहले अमितजी से मिलना है।”

एक नर्स उसे अमिताभ के कमरे में ले जाती है। रेखा को देखते ही अमिताभ के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और जैसे ही वह उठने की कोशिश करने लगता है, तो रेखा कह उठती हैं, “जी नहीं, आप उठिए मत। आपको आराम की सख्त जरूरत है। देखिये मैंने आपके लिए कुछ लाया है। ये जो छोटा बॉक्स है न, इसमे मैंने खुद अपने हाथों से बनाये हुये कुछ मास्क हैं। आप इन्हे पहन लीजिये, जल्दी ठीक हो जायेंगे। दूसरे बॉक्स मे आपके लिये स्टीमर लायी हूँ। दिन मे दो तीन बार स्टीम लेते रहिये। और देखिये ना, आप के लिए अपने हाथों से बादाम की खीर बनाकर लाई हूँ। मुझे मालूम है, आपको बहोत पसंद है, इस जरूर खा लीजिये।” इतना सब कहते कहते रेखा की ऑंखें भर आती हैं। उन्हें पोंछते हुए वह बोलती है, “आप जल्दी ठीक हो जाइये अमितजी, बस और क्या कहूं? बाकी तो आप जानते हैं…….!”   

ऐसे में ही अस्पताल में खबर पहुँचती है कि, माननीय मुख्यमंत्रीजी अमिताभ से मिलने आ रहे हैं। नर्सें, वार्ड ब्वॉय इधर उधर भागने लगते हैं। डॉक्टर अपनी पीपीई या ऐसी ही किट पहनकर व्ही आय पी मंडली का स्वागत के लिए तैयार हो जाते हैं। सफाई कर्मियों पर अक्सर बेवजह जोर शोर से चिल्लाना जारी है। वैसे तो अमिताभ का कमरा साफ-सुथरा ही है, लेकिन फिर एक बार कीटाणुनाशक दवाइयाँ छिड़ककर और टाइल्स को घिस घिस कर पोंछते हुए उन्हें बारम्बार चकाचक चमकाया जाता है।    

मुख्यमंत्रीजी सीधे अमिताभ के कमरे में आते हैं। उनके साथ साथ डाक्टरों की टीम भी है। सी एम को देखते ही अमिताभ उठकर नमस्ते कहने की कोशिश करता है।

“अरे, आप उठिये मत। आराम करते रहिये। आप को जल्दी ठीक होना है। अब कैसा लग रहा है आपको?” 

“जी, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।”

“कोई परेशानी तो नही है न? अगर हो तो हमें जरूर बतलाना।”

सी एम डाक्टर की ओर मुड़कर बोले, “देखिये, इनका खूब अच्छे से ख्याल रखना। अभिषेक, ऐश्वर्या और आराध्या के इलाज पर भी ठीक से ध्यान दीजिए। मुझे कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए।”

प्रमुख चिकित्सक, “सर, हम हमारी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। आप रत्तीभर भी चिंता न करें।”

मुख्यमंत्री, “फिर ठीक है। आप कोशिश कर रहे हैं ना, करते रहना चाहिए। सावधानी बरत रहे हैं ना। सावधानी बरतना जरुरी है। सावधानी से काम लिए बगैर कैसे चलेगा? इसका ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरुरी है। कोरोना के संकट से तो हम सभी घिरे हैं। हम सब को मिलकर उस पर काबू पाना होगा। उसके बगैर वह कैसे जायेगा?”

डाक्टर को यूँ निर्देश देने के बाद माननीय मुख्यमंत्री अपने काफिले के साथ निकल जाते हैं।  

अगले दिन सुबह सुबह अस्पताल के बाहर अभी भी कड़ी सुरक्षा जारी है। अब सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। ब्लैक कैट कमांडो ने सम्पूर्ण इमारत पर कब्ज़ा कर लिया है। ताज़ातरीन खबर आयी है कि, माननीय प्रधान मंत्रीजी अमिताभ का हाल चाल पूछने हेतु अस्पताल को भेंट देने आ रहे हैं। सुबह के करीबन दस बजे उनका आगमन होता है। वे अपनी सुरक्षा टीम को बाहर छोड़कर अकेले ही अमिताभ से मिलने आते हैं। प्रवेश द्वार पर तैनात डाक्टरों की एक टीम अदब से उनका स्वागत करती है। चलते चलते वे डाक्टर से पूछते हैं, “कहिये, सब ठीक तो है?”

सारे डाक्टर एक स्वर में तुरंत जवाब देते हैं,”येस सर! एव्हरीथिंग इस ओके। वी आर ट्राईन्ग अवर लेवेल बेस्ट!”

पी एम अमिताभ के कमरे में आते हैं। अमिताभ पहले ही बेड पर उठ कर बैठा हुआ है। उन्हें देखते ही वह हाथ जोड़कर नमस्कार करता है। 

माननीय प्रधान मंत्रीजी, “कैसे हो? यहां कोई कमी तो नहीं?” 

“जी नहीं। यह तो हमारा सौभाग्य है कि, आप हमें देखने आये हैं।”  

“अरे ये क्या कह रहे हो अमितजी? आपकी ओर तो सम्पूर्ण देश का ध्यान लगा हुआ है। आपको तो जल्दी ठीक होना है और लोगों को सन्देश भी देना है कि, कोरोना की महामारी का आपने सफलता पूर्वक मुकाबला कैसे किया। बस, आप जल्दी ठीक हो जाईये।”

फिर अस्पताल के ही एक हॉल में प्रधानमंत्री अस्पताल की नर्सों, वार्ड बॉय और डाक्टरों को पाँच मिनट के लिए संबोधित करते हैं।

“भाइयों और बहनों, मै जानता हूँ की इस परीक्षा की घडी में आप सब जी जान से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पूरा ध्यान रहे कि, हमें कोरोना को हर हाल मे हराना है।  दुनिया की ऐसी कोई बीमारी नहीं है, जो ठीक नहीं हो सकती। हमें बहुत अधिक सावधानी बरतनी होगी। अपनी इम्युनिटी बढानी होगी। योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास इसे दूर रखने में हमारी सहायता अवश्य करेगा। हम इस बीमारी पर काबू पाने की लगातार कोशिश करेंगे। हम दुनिया को यह दिखा देंगे कि, भारत के पास हर समस्या का समाधान है और हम दुनिया का भी मार्गदर्शन कर सकते हैं। आप सभी को मेरी शुभ कामनाएँ!”

इस प्रकार माननीय प्रधान मंत्री की अस्पताल यात्रा के बाद लोगों का अमिताभ से मिलने का सिलसिला खत्म हुआ। इसके पश्चात डॉक्टर ने अन्य किसी को अमिताभ से मिलने से मनाही कर दी।

– समाप्त –  

मूल संकल्पना एवं लेखक- श्री विश्वास देशपांडे

चाळीसगाव

९४०३७४९९३२

तारीख -११ अक्टूबर २०२३

मुक्त अनुवाद (हिंदी)-डॉक्टर मीना श्रीवास्तव, ठाणे 

ठाणे 

मोबाईल क्रमांक ९९२०१६७२११, ई-मेल – [email protected]

टिपण्णी – इसी लेख के जरिये हमारी ओर से अमिताभजी को उनके जनम दिन के उपलक्ष पर हमारी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ, इस उम्मीद के साथ कि वे स्वस्थ रहें, जुग जुग जियें और यूँही दर्शकों का मनोरंजन करते रहें!

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments