श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” आज प्रस्तुत है आलेख – “सात समंदर पार” की अगली कड़ी।)
☆ आलेख ☆ सात समंदर पार – भाग – 6 ☆ श्री राकेश कुमार ☆
एक पुरानी कहावत है” भूखे भजन ना होई गोपाला” हम जब यात्रा कर रहे हों तो कुछ अधिक ही भूख लगती हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा में भोजन का मूल्य भी यात्रा टिकट में शामिल रहता हैं, परंतु जब भोजन परोसा जाता है, तो मुफ्त वाली फीलिंग आना स्वाभाविक ही हैं। यात्रा के पहले पड़ाव में दुबई पहुंच गए।
विमान से बाहर आने के पश्चात जब बस के द्वारा दूसरे प्लेटफार्म के लिए बाहर ले जा रहें थे, तो साथ में चल रही एक वृद्ध महिला जो पंजाब प्रांत से पहली बार विदेश जा रही थी, नाराज़ होकर बोली मैने हवाई जहाज की टिकट खरीदी है, बस में नहीं जाऊंगी। बड़ी मुश्किल से उनको बस में बैठाया। बस से उतरने के पश्चात लिफ्ट से पांच मंजिल पातललोक में जाकर मेट्रो ट्रेन से अगली विमान यात्रा के प्लेटफार्म पर विमान आने का फिर से इंतजार करने लगे। हाथ में बंधे हुए पग मापक यंत्र करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने की सूचना दे रहा था।
दुबई विमानतल पर कार्यरत अधिकतर कर्मचारी हमारे देश के ही थे। हमें भ्रम होने लगा कि कहीं अपने देश के किसी विमानतल पर ही तो नहीं हैं, ना? घर से रोज़ी रोटी कमाने के लिए हमारे देश के नागरिक लगभग पूरी दुनिया में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। क्या करें, पापी पेट का जो सवाल हैं। इसके साथ ही साथ देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने का प्रमुख स्रोत भी ये प्रवासी ही हैं।
दुबई के विमानतल का नज़ारा हमारे दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के बाज़ार को भी मात देता हैं। एक देश से दूसरे देश जाने के लिए इस विमानतल का उपयोग विमान बदलने के लिए भी किया जाता हैं। हमारे देश में इटारसी स्टेशन पर भी इसी प्रकार से बहुत सारी ट्रेन क्रॉस होती हैं, ऐसे ही पुराने दिनों की याद आ गई। हमने अपने जीवन की अधिकतर यात्राएं रेल से ही तो करी हैं। गंतव्य स्थान जाने वाला विमान प्लेटफार्म पर आ गया है, अगले भाग में मिलते हैं।
क्रमशः…
© श्री राकेश कुमार
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