श्री विजय कुमार

(आज प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित पत्रिका शुभ तारिका के सह-संपादक श्री विजय कुमार जी  की एक विचारणीय लघुकथा  “मोनू मिल गया )

☆ लघुकथा – मोनू मिल गया ☆ श्री विजय कुमार, सह सम्पादक (शुभ तारिका) ☆

“यह देखो विशाल, यह वही बच्चा नहीं है, जिसकी कल के स्थानीय अखबार में शाम को गुमशुदा होने की खबर छपी थी?” पत्नी वीणा ने आज का अखबार मेरे आगे करते हुए कहा।

मैंने गौर से देखा, “हां, लग तो वही रहा है।”

“मैं अभी कल वाला अखबार लाती हूं”, वह गई और तुरंत ढूंढ कर ले आई, “यह देखो विशाल, वही बच्चा है।”

“हां, वही है”, मैंने लापरवाही से कहा, “आज के समाचार में लिखा है कि बच्चा मिल गया है और कुलदीप नगर चौकी में है। वहीं कुलदीप नगर के पास से मिला है। पता नहीं कैसे चला गया वहां? कल के अखबार में लिखा था कि पीतमपुरा कॉलोनी के पास की झुग्गियों में रहता है, जो यहां से काफी दूर है।”

“चलो छोड़ो, यह कल की खबर में ही उसके घर का फोन नंबर दिया हुआ है। एक काम करो, जल्दी से फोन लगाकर उसके घर वालों को सूचित कर दो।” वीणा ने बेसब्री से कहा।

“कमाल करती हो तुम भी”, मुझे यह पागलपन सा लगा, “अखबार में उसके मिलने की खबर छप चुकी है। उसके घर वालों को पता नहीं कब का पता चल चुका होगा। छोड़ो तुम…।”

“एक बार करने में हर्ज ही क्या है? क्या पता, पता न चला हो?” वीणा ने फिर आग्रह किया, “वैसे भी वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग हैं, पढ़े लिखे या पैसे वाले नहीं, जो किसी भी तरह पता लगा लेंगे। पता नहीं उन पर क्या बीत रही होगी, खासकर मां पर। तुम्हें मेरी कसम, एक बार फोन करो तो सही, प्लीज।”

मैंने हथियार डालते हुए कहा, “चलो ठीक है, मैं करता हूं, देना फोन।”

जैसे ही उधर से आवाज आई, मैंने पूछा, “आपका बच्चा गुम हुआ था, मिल गया क्या?”

“नहीं जी, आपको कुछ पता है?” एक उत्सुक और बेचैन-सी आवाज थी।

“जी हां, अभी अखबार में पढ़ा। आपका बच्चा कुलदीप नगर चौकी में है। आप ले आएं जाकर।” मैंने संक्षेप में कहा।

“जी, जी जी”, उसने धन्यवाद भरे स्वर में कहा।

फोन रखते-रखते में मुझे जोर की खुशी भरी पुकार सुनाई दी, “मोनू की मां, मोनू की मां, सुनो, मोनू मिल गया, मोनू मिल गया…।”

***

©  श्री विजय कुमार

सह-संपादक ‘शुभ तारिका’ (मासिक पत्रिका)

संपर्क – # 103-सी, अशोक नगर, नज़दीक शिव मंदिर, अम्बाला छावनी- 133001 (हरियाणा)
ई मेल- [email protected] मोबाइल : 9813130512

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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Hira Singh Kaushal

मोनू मिल गया सुंदर लघुकथा 🙏 🙏

Hira Singh Kaushal

सुंदर लघुकथा 🙏 🙏