डा. मुक्ता

निर्भया 

(डा. मुक्ता जी हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक एवं  माननीय राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत हैं। प्रस्तुत है एक सामयिक एवं सार्थक कविता ‘निर्भया’’)

कितनी और निर्भया बनेंगी
दरिंदगी का शिकार
मनचलों की हवस
मिटाने का उपादान
कब तक लूटी जाएगी
मासूमों की इज़्ज़त
कार,बस या ट्रेन के डिब्बे में
स्कूल,कार्य-क्षेत्र,पार्क के
किसी निर्जन कोने में
या घर के अहाते में
गिद्धों द्वारा नोच-नोच कर
फेंक दिया जाएगा बीच राह
अप्राकृतिक यौनाचार
या अमानवीय व्यवहार कर
कर दी जाएगी उनकी हत्या
घर-परिवार,समाज के बाशिंदे
करायेंगे विरोध दर्ज
कैंडल मार्च कर जुलूस निकालेंगे
और धरना देंगे इंडिया गेट पर
परंतु हमारे देश के कर्णाधारों के
कानों पर जूं नहीं रेंगेगी
और हर दिन ना जाने
कितनी निर्भया होती रहेंगी
उनकी वासना की शिकार
द्रौपदी की भांति नीलाम होगी
उनकी इज़्ज़त चौराहे पर
और कानून
बंद आंखों से हक़ीक़त जान
वर्षों बाद अपना निर्णय देगा
कभी सबूतों के अभाव में
और कभी गवाहों को मद्देनज़र
कर देगा गुनहगारों को
बाइज़्ज़त बरी
कभी नाबालिग
होने की स्थिति में
तीन साल के लिए जेल भेज
कर लेगा अपने कर्त्तव्य की इतिश्री
और सज़ा भुगतने के पश्चात्त्
वे दरिंदे पुन: वही सब दोहरायेंगे
पूर्ण आत्मविश्वास से
दबंग होकर
हां!
यदि किसी जज को
निर्भया में
अपनी बेटी का
अक्स नज़र आएगा
तो वह उसे बीस वर्ष के
कारावास की सज़ा सुना
अपना दायित्व निभायेगा
क्योंकि फांसी की सज़ा पाने पर
वह अपील में जायेगा
या राष्ट्रपति से
 लगायेगा प्राणदान की गुहार
यह सिलसिला निरंतर चलता रहेगा
और कभी थम नहीं पायेगा
मैं चाहती हूं
ऐसा कानून बने देश में
बलात्कारियों को नपुंसक बना
भेज दिया जाए
आजीवन जेल में
प्रायश्चित करने के निमित्त
ताकि उनके माता-पिता को भी
गुज़रना पड़े
वंशहीन होने के दर्द से
जो अपने पुत्रों को
छोड़ देते हैं निरंकुश
मासूमों का करने को शीलहरण
संबंधों की अहमियत को नकार
मर्यादा को ताक पर रख
सब सीमाओं का अतिक्रमण कर
हत्या,लूट व बलात्कार जैसे
जघन्य कर्म करने को नि:संकोच
जिसे देख सीना छलनी हो जाता
सुनामी जीवन में आ जाता
काश!
हमारे देश में
कानून की अनुपालना की जाती
और दुष्कर्म करने वालों से
सख्ती से निपटा जाता
तो बेटियां अमनो-चैन की सांस ले पातीं
मदमस्त हो,थिरकतीं-चहकतीं
उन्मुक्त भाव से नाचतीं
घर-आंगन को महकातीं
स्वर्ग बनातीं
और निर्भय होकर जी पातीं।

© डा. मुक्ता

पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत, ईमेल: drmukta51 @gmail.com

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

6 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
डॉ बीना राघव

वाहहह! बधाई हो

Ritu

Bhut bdiya…

सुरेखा शर्मा हिन्दी सलाहकार सदस्या नीति आयोग

बहुत बहुत बधाई आपको मैम

डॉ भावना शुक्ल

मार्मिक

सुरेखा शर्मा हिन्दी सलाहकार सदस्या नीति आयोग

बहुत बहुत बधाई आपको मैम

सुरेखा शर्मा हिन्दी सलाहकार सदस्या नीति आयोग

बहुत बहुत बधाई आपको मैम