डाॅ मंजु जारोलिया
(संस्कारधानी जबलपुर से सुप्रसिद्ध लेखिका डाॅ मंजु जारोलिया जी का ई-अभिव्यक्ति में हार्दिक स्वागत है। आप साहित्य साधना में लीन हैं एवं आपकी रचनाएँ विभिन्न स्तरीय पात्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आशा है हम भविष्य में आपकी रचनाओं को हमारे पाठकों से साझा करते रहेंगे।)
☆ क्यूँ भूल जाती हूँ ?☆
तुझे पाने की कोशिश में
मैं अक्सर भूल जाती हूँ
तुझे मुझसे मोहब्बत है नहीं
ये भूल जाती हूँ
रात खामोश होकर के
चाँद तारों से ये कहतीं
सुबह होते ही तुम जाओगे
ये अक्सर भूल जाती हूँ
मोहब्बत करती हूँ तुमसे
ये बता नहीं पाती
वो शोखियाँ वो अदाएँ
दिखाना भूल जाती हूँ
सारी उम्र इसी एहसास में
गुज़र रही मेरी
उसे मुझसे मोहब्बत है नहीं
क्यूँ भूल जाती हूँ .
© डाॅ मंजु जारोलिया
बी-24, कचनार सिटी, जबलपुर, मध्यप्रदेश