प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
(प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी द्वारा रचित एक समसामयिक विशेष रचना “पुस्तकें”। )
☆ अंतरराष्ट्रीय पुस्तक दिवस विशेष ☆ पुस्तकें ☆
युग से संचित ज्ञान का भंडार हैं ये पुस्तकें
सोच और विचार का संसार हैं ये पुस्तकें
देखने औ” समझने को खोलती नई खिड़कियां
ज्ञानियो से जोड़ने को तार हैं ये पुस्तकें
इनमें रक्षित धर्म संस्कृति आध्यात्मिक मूल्य है
जग में अब सब प्रगति का आधार हैं ये पुस्तकें
घर में बैठे व्यक्ति को ये जोड़ती हैं विश्व से
दिखाने नई राह नित तैयार हैं ये पुस्तकें
देती हैं हल संकटो में और हर मन को खुशी
संकलित सुमनो का सुरभित हार हैं ये पुस्तकें
कलेवर में अपने ये हैं समेटे इतिहास सब
आने वाले कल को एक उपहार हैं ये पुस्तकें
हर किसी की पथ प्रदर्शक और सच्ची मित्र हैं
मनोरंजन सीख सुख आगार हैं ये पुस्तकें
किसी से लेती न कुछ भी सिर्फ देती हैं ये स्वयं
सिखाती जीना औ” शुभ संस्कार हैं ये पुस्तकें
पुस्तको बिन पल न सकता कहीं सभ्य समाज कोई
फलक अमर प्रकाश जीवन सार हैं ये पुस्तकें
© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
मो ७०००३७५७९८