डॉ सीमा सूरी
(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार , पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सीमा सूरीजी का ई-अभिव्यक्ति में हार्दिक स्वागत हैं। आपकी उपलब्धियां इस सीमित स्थान में उल्लेखित करना संभव नहीं है। आपने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है एवं आयोजनों का सफल संचालन भी किया है। आपकी कई रचनाएँ प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं । आप कई राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों / अलंकारों से पुरस्कृत / अलंकृत हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता अगर प्यार है….‘। )
☆ अगर प्यार है…. ☆
दूरी में क्यो अपनो को प्यार नही जताते लोग
उनके बिना नही जीवन है, क्यो नही बतलाते लोग
ज़रा सी तो बात है फिर भी क्यो छिपाते लोग
न जाने किस बात पे खुद पे यू इतराते लोग
माना समझा करते हैं हम, नही किसी का करते हैं गम
नही कोई उम्मीद लगाते, नही किसी का किया भुलाते
पर कह देना और जताना, ऐसे में ही अच्छा लगता है
दूर हैं सब जब ,समय बहुत है
हर रिश्ता सपना लगता है
क्या घट जाएगा उनका जो
थोड़ा सा प्यार जता दे तो
उनको भी तो फिक्र हमारी
बस इतना बतला दें वो
हर रिश्ता, बस प्यार मांगता
और थोड़ा सा यह अहसास
दूर भले है, फिर भी अपना, सदा रहेगा अपने पास
यही समय है कह देने का
अपनो को बतला दो आज
उनसे कितना प्यार तुम्हे है
जल्दी से जतला दो आज
कोई फर्क न पड़ता इस से, बल्कि और निखरता है
वो रिश्ता जो हर प्यारे से केवल प्यार ही करता है।
मन मे रख कर मत बांधो तुम
अपने प्रेम खजाने को
जितना बाँट दो, उतना बढ़ता
इस प्रेम को बढ़ जाने दो
© डॉ सीमा सूरी
प्लाट नम्बर 70 ,प्रताप नगर जेल रोड ,नई दिल्ली 11 00 64
दूरभाष :84477 41053, 9958331143
बहुत बहुत आभार आपका मेरी कविता को पटल पर स्थान दिया
अच्छी रचना