सुश्री स्वप्ना अमृतकर 

(सुप्रसिद्ध युवा कवियित्रि सुश्री स्वप्ना अमृतकर जी का अपना काव्य संसार है । आपकी कई कवितायें विभिन्न मंचों पर पुरस्कृत हो चुकी हैं।  आप कविता की विभिन्न विधाओं में  दक्ष हैं और साथ ही हायकू शैली की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आज प्रस्तुत है पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई उनकी एक कविता “ चलते  चलते ”। )

चलते चलते  ☆ 

कर्तव्य पथ पर

चलते चलते,

यादों का बसेरा

संभालते संभालते,

जिंदगी की कश्ती

सँवारते सँवारते,

किनारों से दोस्ती

निभाते निभाते,

आपकी कविताऐं

पढ़ते पढ़ते,

आपको दिल मे

बसाये बसाये,

बढ रहें है हम

हँसते हँसते,

कर्तव्य पथ पर

चलते चलते….

© स्वप्ना अमृतकर , पुणे

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Shyam Khaparde

अच्छी रचना

Swapna

धन्यवाद

Vka nsk

Very nice

Swapna

धन्यवाद