श्री अरुण कुमार दुबे
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “अश्क़ आहें तड़प मिलना…“)
कविता ☆ अश्क़ आहें तड़प मिलना … ☆ श्री अरुण कुमार दुबे ☆
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कोई ख्वाबों ख़यालों में आ जायेगा
इश्क़ का रंग जब तुमपे छा जाएगा
ये गुरूर आपका है नहीं आपसा
कोई नीचे से कुर्सी हटा जाएगा
देखना फिर उसे है कहे तुमसे दिल
यूँ नजर से नजर वो मिला जायगा
संग दिल हो भरम तोड़ देगा कोई
अश्क़ तेरे बिछड़ते गिरा जायगा
आजिज़ी रहनुमा की है ये ऊपरी
वो बचे जो समझ माजरा जायगा
अश्क़ आहें तड़प मिलना दिल की जलन
तेरे कूचे में जो साहिबा जायगा
मुन्तज़िर है अरुण देख लें साथ में
फिर बहारों का मौसम चला जायेगा
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© श्री अरुण कुमार दुबे
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