डॉ जसप्रीत कौर फ़लक

☆ कविता ☆ अन्तर्मन का दीया 🪔 ☆ डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक 

दीपावली के दीये तो

बुझ जाएँगे

एक रात के बाद

 

किन्तु अन्तर्मन का दीया

सदैव जलाए रखना

 

तांकि मिट सके

निराशाओं का तिमिर

चमकता रहे

आशाओं का शिविर

 

जगमगा उठे

यह दिवस ओ निशा

भावनाओं की हर दिशा

 

यदि हो सके तो

जलाना

किसी असहाय के

बुझे हुए दीये

रौशनी के लिए।

 डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक

संपर्क – मकान न.-11 सैक्टर 1-A गुरू ग्यान विहार, डुगरी, लुधियाना, पंजाब – 141003 फोन नं – 9646863733 ई मेल – [email protected]

≈ संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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