श्री अरुण कुमार दुबे
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “आजकल टूटते ज़रा में घर…“)
आजकल टूटते ज़रा में घर… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे ☆
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वोट क्या सिर्फ रहनुमा लोगे
हम गरीबों की कब दुआ लोगे
टेक्स में भरने कुछ नहीं साहिब
तन की चमड़ी भी क्या नुचा लोगे
आजकल टूटते ज़रा में घर
राम ही चाहें तो बचा लोगे
देखलो करके कोशिशें सारी
ये बहम है मुझे भुला लोगे
चूकना मत कभी मिला अवसर
ये न मुमकिन है फिर से पा लोगे
पूछ बढ़ती तभी जमाने में
अपना रुतवा अगर बना लोगे
आइना मैं अरुण दिखा देता
डर था नजरों से तुम गिरा लोगे
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© श्री अरुण कुमार दुबे
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