श्री सुहास रघुनाथ पंडित
कविता
☆ इसका मतलब ये तो नही… ☆ श्री सुहास रघुनाथ पंडित ☆
(मराठी भावानुवाद ⇒ अस होत नसतं ☆ श्री सुहास रघुनाथ पंडित ☆)
रास्ता बंद हो गया
इसका मतलब ये तो नही
….कि रास्ता खत्म हो गया
दिये का तेल खत्म हुआ
इसका मतलब ये तो नही
….कि प्रकाश खत्म हो गया
पतझड हो गयी
इसका मतलब ये तो नही
…. कि पेड़ मर चुका
हाँ, यह सच है
क्षणिक अंधेरा उद्ध्वस्त करता है मन
किन्तु,
वही क्षण दिखाता है आनेवाली किरण
मन का क्या भरोसा
खेलेगा वो हर पल नया खेल
बद्ध करो उसे बुद्धि की शृंखला से
आखिर जिंदगी क्या है ?
उठो, लड़ो उम्मीद से
और उड जाओ फिर एक बार
….फिनिक्स की तरह !
☆
© सुहास रघुनाथ पंडित
संपादक ई-अभिव्यक्ति (मराठी)
सांगली (महाराष्ट्र)
मो – 9421225491
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