कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम्
(हम कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी द्वारा ई-अभिव्यक्ति के साथ उनकी साहित्यिक और कला कृतियों को साझा करने के लिए उनके बेहद आभारी हैं। आई आई एम अहमदाबाद के पूर्व छात्र कैप्टन प्रवीण जी ने विभिन्न मोर्चों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर देश की सेवा की है। आप सी-डैक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एचपीसी ग्रुप में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत थे साथ ही आप विभिन्न राष्ट्र स्तरीय परियोजनाओं में भी शामिल थे।)
कैप्टन प्रवीण रघुवंशी जी ने अपने प्रवीन ‘आफ़ताब’ उपनाम से अप्रतिम साहित्य की रचना की है। आज प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम भावप्रवण रचना “एक प्रेम कहानी…”।
एक प्रेम कहानी… ☆ कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम् ☆
मौन के विशाल सिंहासन पर विराजमान
वो अनकहे शब्द, जो हमारी खामोशियां
कभी बोल तक न सकीं…
वो अनछुए जज़्बात, जिन्हें हमारी आँख
कभी बयां न कर पाईं…
प्रेम-छंदें, जो हमारे दिलों की आवाजें थीं,
एक साथ गुनगुना भी न पाईं…
लहराती धड़कनें फिर कभी दिलों को
करीब से कभी छू भी न पाईं…
उन अनकही, अनसुनी अनुभूतियों का
अहसास तक भी न कर पाईं…
हमारे बीच हमेशा रहीं संवेदनाएं
कभी संवाद भी न कर पाईं…
आओ, उन भावनाओं को
आत्मा से संवाद करने दें
आत्माओं को प्रेमावेश के
आवेग के सामने झुक जाने दें
हमारी इस अनोखी अनकही
प्रेम कहानी को सदा सर्वदा के
लिए अजर अमर हो जाने दें..!
~ प्रवीन रघुवंशी ‘आफताब’
© कैप्टन प्रवीण रघुवंशी, एन एम्
पुणे
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈