श्री जयेश कुमार वर्मा
(श्री जयेश कुमार वर्मा जी बैंक ऑफ़ बरोडा (देना बैंक) से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हम अपने पाठकों से आपकी सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ समय समय पर साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता किरायेदार…।)
☆ कविता ☆ किरायेदार… ☆
इस संसार के आप
मालिक ही सही,
हम किराये दार हैं,
आप हमें साथ,
लेके चले, ना चले,
समय आपके, साथ है,
उड़, जाते है, हर रंग,
गुलिस्ताँ से,
वक़्त की आंधी,
के आगे, किसकी,
क्या बिसात, है,
कितने, कबीर,
फकीर, गाते रहे,
सब माटी के पुतले,
उसके ही किरदार हैं,
समझगें, दोनों, उस दिन,
जिस दिन,
पुतले, माटी में
मिल जाएंगे,
कोंन, रे, मालिक
कौन, किराएदार, रे,
ये मौत ही समझाये,
ये मौत ही समझाये…
© जयेश वर्मा
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