श्री माधव राव माण्डोले “दिनेश”
☆ क्यों लिखता हूँ मैं….? ☆
क्यों लिखता हूँ मैं….?
किसके लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या समाज के बारे में लिखता हूँ मैं….?
क्या समाज अच्छा या खराब है इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या समाज सुधार के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या सिर्फ समाज की कमियाँ ही लिखता हूँ मैं….?
क्या देश के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या मेरा देश महान है, इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या देश कि वास्तविकता दिखाने के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या किसी की महानता के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या मुझे किसी से प्रेम है….इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या सिर्फ प्रेम का श्रृंगार के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या प्रेम वियोग में लिखता हूँ मैं….?
क्या प्रेम ईश्वर की देन है…इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या ईश्वर की आराधना के लिए लिखता हूँ मैं….?
क्या किसी पुरस्कार की चाह में लिखता हूँ मैं….?
क्या लोग मुझे याद रखें, इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या सामान्य से अलग हूँ इसलिए लिखता हूँ मैं….?
क्या वजह है….क्यों लिखता हूँ मैं….?
शायद कवि हूँ मैं….?
इसलिए सिर्फ मन की बात लिखता हूँ मैं….
© माधव राव माण्डोले “दिनेश”, भोपाल
(श्री माधव राव माण्डोले “दिनेश”, दि न्यू इंडिया एश्योरंस कंपनी, भोपाल में सहायक प्रबन्धक हैं।)