सुश्री हरप्रीत कौर
(आज प्रस्तुत है सुश्री हरप्रीत कौर जी की एक समसामयिक भावप्रवण कविता “दीपावली”।)
☆ दीपावली विशेष – दीपावली ☆
जगमग दीपों से करते
अमावस्या की काली रात्रि
में उजियारा.
हो सबके जीवन में प्रकाश
है ईश्वर से यही प्रार्थना.
हर लो मेरे मन का तम भी
भगवन्,
दूर करो अज्ञान रूपी अंधेरे को,
परोपकार और करुणा के
दीप से प्रज्ज्वलित करो उर को.
श्रेष्ठ अपना जग को दे जाए
आओ,
इस दीपावली को
अहंकार को तिलांजलि दे
नवजीवन की ज्योति जलाए.
© सुश्री हरप्रीत कौर
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