प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
( आज प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी द्वारा रचित नवरात्रि पर्व पर विशेष देवी गीत ….तुम्हारे दर्शन को । )
☆ नवरात्रि विशेष ☆ देवी गीत – ….तुम्हारे दर्शन को ☆
पावन नवरात्री की बेला, उमड़ी है माँ भीड़, तुम्हारे दर्शन को
मां सबकी तुम एक सहारा, पाने को आशीष तुम्हारा
आये चल के बड़ी दूर से, तुम्हें चढ़ाने नीर, तुम्हारे दर्शन को
तुम्हें ज्ञात हर मन की भाषा, आये हम भी ले अभिलाषा
छू के चरण शाँति पाने माँ, मन है बहुत अधीर, तुम्हारे दर्शन को
भाव सुमन रंगीन सजाये, पूजा की थाली ले आये
माला , श्रीफल , और भौग में , फल मेवा औ खीर, तुम्हारे दर्शन को
मन की कहने, मन की पाने, आशा की नई ज्योति जगाने
तपते जीवन पथ पर चलते, मन में है एक पीर, तुम्हारे दर्शन को
मां भू मंडल की तुम स्वामी, घट घट की हो अंतर्यामी
देकर आशीर्वाद, कृपाकर, लिख दो नई तकदीर, तुम्हारे दर्शन को
© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈