डॉ निशा अग्रवाल
(ई- अभिव्यक्ति में प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ निशा अग्रवाल जी का हार्दिक स्वागत है। प्रस्तुत है आपका संक्षिप्त परिचय एवं एक भावप्रवण कविता “नारी सशक्तिकरण”।)
संक्षिप्त परिचय
सम्प्रति – शिक्षाविद, लेखिका, कवयित्री, गायिका, स्क्रिप्ट राइटर
प्रकाशन / प्रसारण –
- संपादक – राजस ऑनलाइन मैगज़ीन
- साहित्य सृजन- मेरी कलम, मेरी पहचान
- संचालक – शिक्षा/संगीत/साहित्यिक मंच
- समाज सेविका- गरीब एवं असहाय बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना।
- विभिन्न रचनाओं का अखबार, जन प्रखर पत्रिका, सच की दस्तक पत्रिका, वैश्य चित्रण, ड्रीम ऑफ फ्यू बुक, मैगज़ीन ऑफ इंडिया, ई मैगज़ीन, एवं अन्य पत्रिकाओं में…सतत् प्रकाशन
- रेडियो एवं आकाशवाणी पर रचनाओं का प्रसारण।
सम्मान –
- उत्कृष्ट लेखन सम्मान (वाराणसी-सच की दस्तक प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार)
- राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंच व अन्य संस्था द्वारा सम्मान प्राप्त।
लेखनी का उद्देश्य – नारी सशक्तिकरण पर विशेष, समाज की व्यथा को उजागर करना व समाज में चेतना का संचार करना ।
☆ कविता – नारी सशक्तिकरण ☆ डॉ निशा अग्रवाल ☆
अबला नही हो तुम,कायर नही हो तुम
जगत जननी हो तुम, जगत का अभिमान हो तुम।
करुणा का सागर हो तुम, ममता की सरिता हो तुम
मां ,बहन ,बेटी, पत्नी के ,जीवन का आधार हो तुम।
सागर की लहरों की ,हूंकार हो तुम
पर्वत की ऊंचाई जैसा ,देश का गौरव हो तुम।
सदियों से कोमल तन को ,लिपटी साड़ी में ढके हो तुम
झुकी हुई नज़रों से तानों की बौछार सुनती आयी हो तुम।
बहुत हुए है जुल्म तुम पर ,बहुत हुआ मन को आघात
मत सहो तुम अत्याचार को, मत दावो तुम मन में बात।
छोड़ो सदियों की नारी को,आज की नारी बन जाओ
थाम लो हिम्मत का हाथ अब,हर मंजिल को फतह करो।
उठो,जागो ,तलवार उठाओ, झांसी की मनु बन जाओ
तेज़ धार और वीरता से,आगे -आगे बढ़ते जाओ।
याद करो उस नारी को ,जो लायी थी देश में आंधी
बनी देश की पहली मुखिया, वो थी इंदिरा गांधी।
मान बढ़ाया जिसने देश का ,देकर के अपना स्वर
कहते जिसको ‘स्वरकोकिला’, नाम लता मंगेशकर।
भारी उड़ान पहुँची अंतरिक्ष में ,सच कर दिखाया सपना
उस नारी को नमन करें हम, वो थी कल्पना चावला।
आया समय उठो तुम नारी,युग निर्माण तुम्हें करना है
आज़ादी की खुली नींव पर,प्रगति के पत्थर भरना है।
कमज़ोर ना समझो खुद को तुम, सम्पूर्ण जगत की जननीं हो
स्वर्णिम आगत की आहट से, नया इतिहास तुम्हें रचना है।
© डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर, राजस्थान
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
वाह क्या बात।यत्र नारी पूजयते रमन्ते तत्र देवता
Great Writing.. Dr. Nisha Ji ??
Beautiful naration
Waah!! Great Job
Very nice❤️❤️
Proud of you
क्या बात है निशा जी आप बहुत ही शानदार लिखती है ??????
बेहतरीन अभिव्यक्ति