श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’ 

(साहित्यकार श्रीमति योगिता चौरसिया जी की रचनाएँ प्रतिष्ठित समाचार पत्रों/पत्र पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में सतत प्रकाशित। कई साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित। राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मंच / संस्थाओं से 150 से अधिक पुरस्कारों / सम्मानों से सम्मानित। साहित्य के साथ ही समाजसेवा में भी सेवारत। हम समय समय पर आपकी रचनाएँ अपने प्रबुद्ध पाठकों से साझा करते रहेंगे।)  

☆ कविता ☆ नवरात्र विशेष – कल्याणी  ☆ श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’ ☆

(विधा-कुण्डलियाँ)

कल्याणी नौ रूप रख, करती है उपकार ।

जग जननी ममता मयी, महिमा अपरम्पार ।।

महिमा अपरम्पार, ज्ञान की ज्योति जलाती ।

अंतस जागृत श्रेष्ठ, शरण में लाज बचाती ।।

 जपे योगिता नित्य,करे जयकारा वाणी ।

रहे समर्पित भाव, सदा माने कल्याणी ।।1!!

हे  कल्याणी कर कृपा, माता ब्रह्म  स्वरूप ।

अद्भुत दिखती तेज मय, सुंदर रूप अनूप ।।

सुंदर रूप अनूप, योगिता मोहित चरणन ।

अष्टभुजी है मात, कृपा कर जगदम्बें जन ।।

पूजे प्रेमा भाव, कहे माँ जग की त्राणी ।

भजते आठों याम, हृदय बस हे कल्याणी ।।2!!

कल्याणी माँ शारदा, देना इक वरदान ।

भक्ति- शक्ति अरु ज्ञान दें, छंद साधिका मान ।

छंद साधिका मान, श्रेष्ठ लिख  रचना तेरी ।

करती हूँ गुणगान,  कष्ट को हरना मेरी ।।

प्रेमा तो मतिमंद ,अमृत भर दें अब वाणी ।

सुर में  गाऊँ गीत, कृपा कर माँ कल्याणी ।।3!!

© श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’

मंडला, मध्यप्रदेश 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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