श्री श्याम संकत
(श्री श्याम संकत जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। स्वान्त: सुखाय कविता, ललित निबंध, व्यंग एवं बाल साहित्य में लेखन। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं व आकाशवाणी पर प्रसारण/प्रकाशन। रेखांकन व फोटोग्राफी में रुचि। आज प्रस्तुत है पर्यावरण दिवस पर आपकी एक विचारणीय रचना ‘आगे से…’।)
☆ कविता ☆ पर्यावरण दिवस विशेष – आगे से… ☆ श्री श्याम संकत ☆
कुछ पेड़ लगवा कर
रिटायर हो गए
कुछ पेड़ कटवा कर
रिटायर हो जाएंगे
धरती के गहने
उतरते जाएंगे धीरे धीरे
अब तक लकड़ी से जला करते थे मुक्तिधाम में
आगे से बिजली वाले में
सरका दी जाएगी ठठरी
साहब की भी
चपरासी की भी।
© श्री श्याम संकत
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